नई दिल्ली: देश के 20 स्मार्ट शहरों में विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन शनिवार से शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पुणे में 14 परियोजनाओं की शुरुआत की जबकि 68 अन्य परियोजनाओं का प्रारंभ देश के अन्य हिस्सों में होगा और इन पर कुल 1770 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की घोषणा के एक साल पूरा होने पर मोदी पुणे के 5000 की क्षमता वाले शिवाजी छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से 'स्मार्ट सिटी मिशन' परियोजना की शुरुआत की।


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इसके साथ ही स्मार्ट सिटी प्रतिस्पर्धा के पहले चरण में चुने गए 20 शहरों में स्मार्ट सिटी योजनाओं का कार्यान्वयन शुरू हो जाएगा। इसमें कहा गया है कि पुणे की परियोजनाओं के अलावा उसी दिन अन्य स्मार्ट शहरों में 69 ऐसे कार्य शुरू किए जाएंगे।



इन पर कुल 1770 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। ये परियोजनाएं अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के तहत खुले एवं हरित स्थानों का विकास, सीवेज संयंत्र और जलापूर्ति, स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस कचरा प्रबंधन से जुड़ी हुई हैं।


इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी निर्धनों के लिए आवास परियोजनाएं भी शामिल रहेंगी। मोदी 'मेक योर सिटी स्मार्ट' प्रतियोगिता का भी उद्घाटन करेंगे जिसका मकसद स्मार्ट शहरों को आकार देने में नागरिकों को शामिल करना है। इसमें विजेताओं को 10 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक इनाम भी दिए जाएंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि नागरिकों द्वारा दिए गए सुझावों और डिजायनों को संबंधित स्मार्ट शहर शामिल करेंगे।


इस योजना के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएं, कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन के अंतर्गत जल आपूर्ति परियोजनाएं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स तथा खुले और हरियाली वाले स्थानों को विकसित किया जाएगा। पीएम मेक योर सिटी स्मार्ट प्रतिस्पर्धा की भी शुरुआत करेंगे, जिसमें आम नागरिकों की भागीदारी होगी।


नागरिक सड़क, जंक्शन व पार्क के लिए डिजाइन बनाकर शेयर कर सकते है। इसके विजेताओं को 10 हजार से एक लाख तक की राशि देकर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री नेट पोर्टल की भी शुरुआत की जाएगी। ये पोर्टल विभिन्न शहरी मिशनों के अंतर्गत आने वाले शहरों को अपने विचारों को साझा करने में सक्षम बनाएगा और विभिन्न मिशनों के कार्यान्वयन के दौरान उत्पन्न मसलों का समाधान करेगा।


प्रधानमंत्री मोदी 'मेक योर सिटी स्मार्ट' स्पर्धा का भी उद्घाटन करेंगे। इस स्पर्धा का उद्देश्य सड़कों, जंक्शनों व पार्कों को डिजाइन करने में नागरिकों को शामिल करना है। नागरिकों के सुझाव और उनके द्वारा सुझाए गए डिजाइन उनकी अपनी-अपनी स्मार्ट सिटी द्वारा विधिवत सम्मिलित किए जाएंगे। इस स्पर्धा के विजेताओं को 10,000 रुपये से 1,00,000 रुपये की रेंज में पुरस्कार दिए जाएंगे।


 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शहरीकरण को समस्या नहीं बल्कि गरीबी दूर करने का एक अवसर माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शहरों को अधिक जनभागीदारी के साथ व्यापक और आंतरिक तौर पर जोड़कर मजबूत बनाया जाना चाहिये। मोदी ने कहा, 'एक समय था जब देश में शहरीकरण को एक समस्या माना जाता था। लेकिन मैं अलग तरीके से सोचता हूं। हमें शहरीकरण को एक समस्या नहीं मानना चाहिये बल्कि इसे एक अवसर के रूप में लेना चाहिये। आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग शहरों को आर्थिक वृद्धि के केन्द्र के रूप में मानते हैं। यदि किसी में गरीबी कम करने की क्षमता है तो वह हमारे शहर हैं। यही वजह है कि गरीब स्थानों से लोग निकलकर शहरों में जाते हैं, क्योंकि उन्हें वहां काम के अवसर मिलते हैं।' 


पीएम मोदी ने कहा, 'अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहरों को मजबूती दें ताकि इससे कम से कम समय में ज्यादा-से-ज्यादा गरीबी दूर की जा सके और विकास के लिये नये मार्ग इसमें जोड़ें जा सकें। यह संभव है, यह कोई मुश्किल काम नहीं है।' प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे में 14 स्मार्ट सिटी परियोजनाएं शुरू की और देश में अन्य स्मार्ट शहरों में 69 अन्य कार्य शुरू किये। उन्होंने टुकड़ों में काम करने के बजाए व्यापक, आंतरिक संपर्क और दृष्टिकोण उन्मुख तरीके से कार्य करने की अपील की।' 


उन्होंने कहा, 'जब तक हम चीजों को टुकड़ों में लेते रहेंगे, बदलाव नहीं हो सकता। हमें व्यापक, आंतरिक संपर्क साधने और दृष्टिकोण उन्मुख रूख अपनाने की आवश्यकता है।' मोदी ने कहा कि प्रत्येक शहर की एक अलग पहचान है और देश की जनता जो काफी ‘स्मार्ट’ है, उसे यह निर्णय करना चाहिए कि शहरी क्षेत्रों का विकास कैसे हो। भागीदारी वाले राजकाज की भावना पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शहर की जनता को अपने शहरी क्षेत्रों के विकास के बारे में निर्णय करना है क्योंकि ये निर्णय दिल्ली में बैठे लोग नहीं कर सकते।


प्रधानमंत्री ने स्मार्ट शहरों के विकास के मामले में निर्णय में जन भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया और वृद्धि के आधुनिक केंद्र के रूप में शहरों को विकसित करने के लिये उनके बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'अगर हम इसे एक समस्या के रूप में विचार करते हैं, इसके समाधान के लिये हमारा रूख एक जैसा होगा लेकिन अगर हम इसे एक अवसर के रूप में विचार करते हैं, हम अलग रूप से सोचना शुरू करेंगे।' मोदी ने पूर्व कांग्रेस सरकारों पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि वे देश को उल्टे रास्ते पर ले गये, वहीं उनकी सरकार आगे बढ़ने के नये रास्ते तलाश रही है।