तिरूवनंतपुरम: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सदियों पुराने श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस मंदिर को भगवान विष्णु के 108 ‘दिव्यदेशम’ में से एक के तौर पर जाना जाता है. मोदी पूर्वी द्वार से मंदिर के अंदर आए और वहां करीब 20 मिनट बिताए. इससे पहले पड़ोसी जिले कोल्लम में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ‘‘केरल और देश के लोगों के कल्याण’’ के लिए भगवान पद्मनाभस्वामी से प्रार्थना करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


मंदिर के अंदर मोदी के साथ राज्यपाल न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम और राज्य के देवस्वोम मंत्री कडकमपल्ली सुरेन्द्रन भी थे. मंदिर के पूर्वी द्वार पर उन्होंने ‘‘आध्यात्मिक सर्किट का विकास : श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर - अरनमुला - सबरीमला’’ परियोजना पर पट्टिका का अनावरण किया. इस परियोजना को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के स्वदेश दर्शन योजना के तहत बनाया जा रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, पर्यटन राज्यमंत्री अलफोंस कन्ननथनम और सांसद शशि थरूर भी मौजूद थे. 


पीएम ने किया 13 किमी लंबे दो लेन के कोल्लम बाईपास का उद्घाटन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 66 पर बहुप्रतीक्षित कोल्लम बाईपास का उद्घाटन किया. दो लेन का 13 किलोमीटर लंबा बाईपास केरल के अलापुझा और तिरूवनंतपुरम जिलों के बीच यात्रा के समय में कटौती करेगा और इससे कोल्लम शहर में वाहनों की भीड़भाड़ कम होने की संभावना है. 


352 करोड़ रुपये की लागत से बने बाईपास में अष्टमुडी झील पर तीन बड़े पुल हैं जिनकी कुल लंबाई 1540 मीटर है.


बाईपास को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मोदी ने कहा कि जब वह 2014 में सत्ता में आए थे तो केवल 56 प्रतिशत ग्रामीण आबादी देश की सड़कों से जुड़ी थी. उन्होंने कहा, 'अष्टमुडी झील के किनारे, मुझे (अगस्त 2018 की) बाढ़ से उबरने का एहसास होता है. लेकिन हमें और कड़ाई से लड़ना होगा. मैं आप सबको बाईपास के पूरा होने की बधाई देता हूं.' 


(इनपुट - भाषा)