आरिफ के साथ यूपी सरकार ने किया अन्याय- सारस को पालने पर कार्रवाई के खिलाफ बोलीं प्रियंका
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अमेठी के रहने वाले आरिफ को करीब एक साल पहले एक सारस घायल अवस्था में मिला था. इसके बाद आरिफ ने उसका इलाज करवाया और फिर अपने साथ एक परिवार के सदस्य के रूप में रखने लगे. उसे पाला-पोशा. इसी दौरान दोनों के बीच दोस्ती हो गई और सारस वहीं रहने लगा.
उत्तर प्रदेश में सारस को पालने वाले आरिफ के खिलाफ प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अमेठी के आरिफ और सारस की दोस्ती को लेकर प्रशासन की कार्रवाई संवेदना के प्रति अन्याय की कहानी कहती है. इससे पहले प्रियंका गांधी ने इस दोस्ती को जय और वीरु की दोस्ती करार दिया था.
प्रियंका ने कहा, 'रक्षकों का सम्मान करना हमारे देश की परंपरा है. प्रेम की मिसाल कायम करने वालों को इस देश में सराहा जाता है. लेकिन, यूपी सरकार को क्या सूझा जो सारस की जान बचाने वाले, उसको दोस्त की तरह रखने वाले रक्षक को नोटिस भेजा जा रहा है. प्रेम, संवेदना के प्रति ये अन्याय कतई सही नहीं है.'
जानकारी के मुताबिक अमेठी के रहने वाले आरिफ को करीब एक साल पहले एक सारस घायल अवस्था में मिला था. इसके बाद आरिफ ने उसका इलाज करवाया और फिर अपने साथ एक परिवार के सदस्य के रूप में रखने लगे. उसे पाला-पोशा. इसी दौरान दोनों के बीच दोस्ती हो गई और सारस वहीं रहने लगा.
अखिलेश यादव को जब इसके बारे में जानकारी मिली तो वो मिलने के लिए पहुंच गए. अखिलेश यादव ने अपने दौरे की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया था. हालांकि, इसके बाद आरिफ की दिक्कत बढ़ गई. प्रशासन उनके घर पहुंच गया. वन विभाग की टीम भी पहुंची और सारस को ले गई.
उसे अब समसपुर पक्षी विहार में छोड़ दिया गया, लेकिन इसके बाद भी सारस वहां नहीं रुका और 6 किमी दूर बिसैया गांव पहुंच गया. गांव में कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया हालांकि, गांववालों ने उसे बचा लिया. इसके बाद फिर से उसे पक्षी विहार ले जाया गया. वर्तमान में उसकी निगरानी बढ़ा दी गई है. वन विभाग के मुताबिक किसी भी संरक्षित पक्षी या जानवर को रखना गैरकानूनी है.
(एजेंसी इनपुट)
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