Joshimath Demolition: जोशीमठ में होटल माउंट व्यू और मलारी इन को गिराए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस दौरान NDRF, SDRF, उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है. Zee News के संवाददाता विशाल पाण्डेय से बात करते हुए मलारी इन होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मैंने होटल गिराने की इजाजत दे दी है लेकिन प्रशासन ने मुझसे मुआवजे की कोई बात नहीं की है. मेरा सब कुछ आज टूट गया लेकिन मैंने जनता के लिए यह सहमति दे दी है. गढ़वाल रेंज के आईजी करण सिंह राणा ने कहा कि डेंजर जोन में आए इलाकों को गिराने की प्रक्रिया बिना रुके दिन-रात चलेगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए 15 मजदूर लगाए गए हैं और इसके अलावा घटना स्थल पर NDRF-SDRF की टीम भी तैनात हैं.


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क्या है पूरा मामला?


भूमि धंवास की मार झेल रहे जोशीमठ को गिराने की तैयारी है. बता दें कि यहां के कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिल रही हैं. कई जगहों पर जमीन में पड़ी दरारों से पानी भी निकल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जोशीमठ के 723 घरों में दरारें देखने को मिली हैं. इस इलाके को गिराने पर करीब 3000 से ज्यादा लोगों पर असर पड़ेगा. यहां भूस्खलन लोगों के लिए एक बड़ा खतरा बनते जा रहा है. कई दिनों पहले से ही लोगों ने घरों को खाली करना शुरू कर दिया था.



सीएम धामी ने लिया जायजा


जोशीमठ की इस गंभीर आपदा को देखते हुए सीएम धामी ने केंद्र सरकार से जोशीमठ के लिए राहत पैकेज की मांग की है. इसके साथ ही आपदा से प्रभावित लोगों को राज्य सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया है. सीएम ने कहा कि बेघर हो चुके लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी. आपको बता दें कि वर्तमान में जोशीमठ के 723 भवनों को भू-धंसाव से प्रभावित बताया गया है और उनको चिन्हित भी कर लिया गया है. इसके अलावा यहां से करीब 145 परिवारों को राहत शिविरों में भेज दिया गया है.


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