नई दिल्ली: अक्सर देखने में आता है कि सड़क पर कोई दुर्घटना हो जाती है लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आता. इसकी वजह होती है कि ऐसे मामलों में मदद करने वाले को पुलिस द्वारा परेशान किया जाता है. लेकिन अब सरकार ने ऐसे ‘नेक आदमी’ के संरक्षण के नियम बना दिए हैं, जिसके चलते गुड समेरिटन (good Samaritan) यानी मुसीबत में मदद करने वाले व्यक्ति को पूरी सुरक्षा दी जाएगी. 


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कोई भी पुलिस अधिकारी या कोई अन्य व्यक्ति नाम, पहचान, पता या ऐसे किसी भी व्यक्तिगत विवरण का खुलासा करने के लिए एक गुड समेरिटन को मजबूर नहीं करेगा.


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने संकट में मदद करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए नियम को अधिसूचित कर दिया है.


मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 (Motor Vehicles (Amendment) Act, 2019) ने एक नई धारा 134 A, यानी गुड समेरिटन्स का संरक्षण (Protection of good Samaritans) जोड़ा गया है.


नए नियम के मुताबिक, अब सड़क दुर्घटना में शिकार पीड़ितों की मदद करने वाले लोगों को अपनी पहचान उजागर करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.


इसके मुताबिक, धर्म, राष्ट्रीयता, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी भेदभाव के बिना सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा.


प्रत्येक सार्वजनिक और प्राइवेट अस्पताल एंट्री द्वार या अन्य विशिष्ट स्थान पर और अपनी वेबसाइट पर हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में एक चार्टर प्रकाशित करेगा.


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