नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में हुए प्रदर्शन पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला दिया और कहा कि कोई भी व्यक्ति या समूह सार्वजिनक स्थानों को ब्लॉक नहीं कर सकता है. ज़ी न्यूज़ की मुहिम पर मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता.


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जस्टिस एसके कौल ने कहा कि CAA के विरोध में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे और रास्ते को ब्लॉक कर दिया था. हालांकि CAA के खिलाफ कई याचिकाएं कोर्ट में दाखिल हुए, जो अभी लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट से अलग-अलग फैसला दिया गया.


कोर्ट ने कहा- विरोध के साथ कर्तव्य भी जरूरी


सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन पर कहा कि आवागमन का अधिकार अनिश्चित काल तक रोका नहीं जा सकता. संविधान विरोध करने का अधिकार देता है, लेकिन इसे समान कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए. सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन उन्हें निर्दिष्ट क्षेत्रों में होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि शाहीन बाग में मध्यस्थता के प्रयास सफल नहीं हुए, लेकिन हमें कोई पछतावा नहीं है.


100 से ज्यादा दिन तक चला था धरना-प्रदर्शन


बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में 100 से ज्यादा दिन तक धरना-प्रदर्शन चला था और लोगों ने सड़क को ब्लॉक कर दिया था. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली में लगाए गए धारा 144 के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया. शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने और सड़क को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई थी, क्योंकि इस कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.