Governor Banwarilal Purohit Vs Punjab Government : पंजाब सरकार बनाम राज्यपाल विवाद में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि क्या राज्यपाल को इस बात का जरा भी अंदेशा है कि वो आग से खेल रहे हैं? अगर राज्यपाल को लगता भी है कि बिल गलत तरीके से पास हुआ है तो उसे विधानसभा अध्यक्ष को वापस भेजना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की तरफ सिंघवी ने कहा कि मौजूदा राज्यपाल के रहते हुए तो पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाना असंभव सा काम हो गया है. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने पंजाब राज्यपाल के वकील से पूछा कि अगर विधानसभा का कोई सत्र अवैध घोषित हो भी जाता है तो सदन द्वारा पास किया गया बिल कैसे गैरकानूनी हो जायेगा?


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तो क्या संसदीय लोकतंत्र बचेगा?


सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर राज्यपाल इसी तरीके से बिल को गैरकानूनी ठहराते रहे तो क्या देश संसदीय लोकतंत्र बचेगा? सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि राज्यपाल राज्य का संवैधानिक मुखिया होता है, लेकिन पंजाब की स्थिति को देखकर लगता है कि सरकार और उनके बीच बड़ा मतभेद है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. 


बिल को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोक सकते: SC


सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के वकील से पूछा कि आप किसी बिल को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोक कर रख सकते हैं. सिंघवी ने पंजाब सरकार की तरफ से कहा कि बिल रोकने के बहाने राज्यपाल बदला ले रहे हैं. चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर संविधान में कहा लिखा है कि राज्यपाल स्पीकर द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को अवैध करार दे सकते हैं. चीफ जस्टिस ने कहा कि मेरे सामने राज्यपाल के लिखे दो पत्र हैं जिसमें उन्होंने सरकार को कहा कि चूंकि विधानसभा का सत्र ही वैध नहीं है तो वो बिल पर अपनी मंजूरी नहीं दे सकते हैं.


कैसे निकलेगा रास्ता?


राज्यपाल ने ये कहा कि वो इस विवाद पर कानूनी सलाह के रहे हैं, हमें कानून के मुताबिक ही चलना होगा. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि राज्यपाल का पत्र आखिरी फैसला नहीं हो सकता है. केंद्र सरकार इस विवाद को सुलझाने के लिए रास्ता निकाल रही है.