Uttarakhand Land Laws:  पहाड़ों में जमीन खरीदने, रिजॉट बनाने मकान बनाकर टूरिस्ट ठिकाना बनाने वालों के लिए बुरी खबर है. उत्तराखंड की धामी सरकार अब हरकत में आ गई है.गलत तरीके से जमीन लेने वालों पर एक्शन तय है. मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण ने तो आज ही अवैध प्लाटिंग पर जेसीबी मशीन चला दी. तकरीबन 100 बीघा से ज्यादा अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया.


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मौके पर बनाई गई अवैध फाउंडेशन समेत सड़कों को खोद डाला गया. शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक प्रेस कांफ्रेंस की. मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल की तर्ज पर लंबे समय से प्रदेश में भू कानून की मांग चली आ रही है, जिसे अब अमलीजामा पहनाने की तैयारी है. नियमों के मुताबिक,  प्रदेश के बाहर के लोग उत्तराखंड में नगर निकाय की सीमा से बाहर 250 वर्ग मीटर जमीन खरीद सकते हैं. लेकिन ये देखा गया है कि कई लोगों ने इस कानून का उल्लंघन किया है, जिनके खिलाफ सरकार अब कार्रवाई करने जा रही है...उनकी जमीन जब्त कर ली जाएगी.


CM धामी ने अपनाया कड़ा रुख


उत्तराखंड के बाहर के लोग एक परिवार से केवल एक ही व्यक्ति ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन खरीद सकता है.लेकिन ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां एक परिवार से कई लोगों ने अलग-अलग जगह जमीन खरीदी हैं. सरकार ऐसे लोगों की जांच कर रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी.


सीएम ने चेतवानी दी कि भू माफिया या फिर राज्य के बाहर से आकर जमीनों की खरीद फरोख्त करने वालों के खिलाफ एक्शन होगा. किसी भी हाल में प्रदेश के सामाजिक परिवेश बिगड़ने नहीं दिया जाएगा. हालांकि राज्य में निवेश करने के लिए जो लोग आना चाहते हैं उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.


सरकार भू कानून को लेकर संवेदनशील


 धामी ने कहा, 'हमारी सरकार भू कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हमारी एक समिति पहले से राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक भू कानून का प्रारूप तैयार कर रही है. हमारा प्रयास इसे अगले बजट सत्र में लाने का है. 


उन्होंने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने पर्यटन, उद्योग, शिक्षा आदि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर भूमि खरीदी है, लेकिन उसका इस्तेमाल संबंधित कार्य के लिए नहीं किया. समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके क्रियान्वयन के लिए गठित की गई समिति अपनी पूरी कोशिश कर रही है कि यह पहले ही तय की जा चुकी नौ नवंबर की समयसीमा के भीतर इसे लागू कर दे. उन्होंने कहा, 'समिति की प्रगति की हर माह समीक्षा की जा रही है. अक्टूबर के पहले सप्ताह में एक और समीक्षा बैठक होनी है. इसके बाद यह साफ हो जाएगा कि नौ नवंबर की समयसीमा के भीतर ऐसा हो पाएगा या नहीं.