Lok Sabha Election 2024: सूरत की अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई थी. लेकिन आज यानी शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने उनको अयोग्य करार दे दिया, जिसके बाद वह अब लोकसभा के सदस्य नहीं हैं. जानकारी के मुताबिक उनकी लोकसभा सीट वायनाड पर जल्द उपचुनाव हो सकता है. हालांकि उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी गई है लेकिन अदालत के फैसले की वजह से वह संसद सदस्यता के लिए खुद ही अयोग्य हो गए हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के मुताबिक, जैसे ही किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, और कम से कम दो साल कैद की सजा सुनाई जाती है, वह संसद की सदस्यता ले लिए अयोग्य हो जाता है. इसके बाद चुनाव आयोग इस सीट पर चुनाव कराता है. इतना ही नहीं, ज्यादा बड़ा झटका यह है कि संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद वह शायद 8 साल (2 साल मौजूदा सजा के कारण और 6 साल जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951 के कारण) तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.  


राहुल गांधी के लिए डगर मुश्किल


इस साल जून में राहुल गांधी 53 साल के हो जाएंगे. अयोग्य ठहराए जाने का मतलब है कि वह सांसद बनने की उम्मीद तो नहीं कर सकते. 60 वर्ष की आयु तक प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी तो दूर की बात है. अगर भारत में मध्यावधि चुनाव नहीं होते हैं तो 2034 के लोकसभा चुनाव में ही राहुल गांधी लड़ सकते हैं. तब तक वह 65 साल के हो जाएंगे. 


इतना ही नहीं, उनके खिलाफ अन्य मामले भी चल रहे हैं. सबसे अहम है नेशनल हेराल्ड मामला, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. लेकिन क्या राहुल को अयोग्य ठहराया जाना कांग्रेस पार्टी के लिए सिर्फ बैड न्यूज है. शायद नहीं. मुमकिन है कि सूरत कोर्ट के फैसले और मौजूदा कोर्ट केस के बाद राहुल गांधी आगे से शब्दों को तोलमोल कर बोलेंगे. यह उनके लिए एक अवसर की तरह है, वो सब करने का जो वह अब तक नहीं कर पाए हैं. एक ऐसे विजन पर वह काम कर सकते हैं, जो कांग्रेस देश को दे सकती है. 


विजन पर फोकस जरूरी


बतौर विपक्षी पार्टी कांग्रेस को सत्ताधारी बीजेपी और उसके नेताओं की आलोचना करनी पड़ती है. लेकिन ध्यान इस पर देना जरूरी है कि अब लोग समाधान को सुनना चाहते हैं. पीएम मोदी कई वर्गों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं. हालांकि लगातार आलोचना कुछ मामले में ठीक है. इससे समर्थक अपने नेता के बचाव में बढ़-चढ़कर आगे आते हैं. एक नजरिया यह भी है कि राहुल गांधी ने बड़े विचारों को वोटर्स तक ले जाने पर फोकस किया है, जो भी इनोवेटिव भी हैं. ये देश को बदल सकता हैं. अगर यही कांग्रेस करना चाहती है, तो इससे उनकी पार्टी को और ज्यादा मदद मिल सकती है.अयोग्य ठहराए जाने के कारण राहुल गांधी 2024 का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इसलिए आने वाले चुनाव में मोदी बनाम राहुल भी नहीं रह जाएगा. 


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे