नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के सांसदों ने शुक्रवार (23 मार्च) को संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना देकर मांग की कि केन्द्र उच्चतम न्यायालय से अनुसूचित जाति/ जनजाति (उत्पीड़न निरोधक) कानून पर अपने फैसले की पुनरीक्षा करने का आग्रह करे. उच्चतम न्यायालय ने इस कानून के तहत तुरंत गिरफ्तारी के कठोर प्रावधानों को मंगलवार (20 मार्च) को अपने फैसले में शिथिल किया था. इस फैसले के तहत समुचित दायित्व निभाने वाले ईमानदार सरकारी कर्मचारियों को अजा/अजजा कानून के जरिये कथित रूप से ब्लैकमेल करने से बचाने के लिए उपाय किए गए हैं.


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कांग्रेस सांसद धरने के समय नारेबाजी कर रहे थे, ‘‘दलितों के सम्मान में, राहुल गांधी मैदान में.’’ सूत्रों ने बताया कि इससे पहले सांसद कांग्रेस संसदीय दल के कार्यालय में एकत्र हुए और उन्होंने आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया. सूत्रों ने कहा कि इस दौरान संसद के भीतर की रणनीति के बारे में राहुल के साथ विचार विमर्श किया गया.


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. (IANS/23 March, 2018)

बजट सत्र के पांच मार्च से शुरू हुए दूसरे चरण में पिछले 15 दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा मचाए गए हंगामे के बीच ही वित्त विधेयक को पारित किया गया. राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा सदन में गतिरोध तोड़कर सामान्य कामकाज चलाने के प्रयासों का अभी तक कोई परिणाम नहीं निकल सका है.


एससी, एसटी कानून मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनरीक्षण याचिका दायर करेगी सरकार: अठावले
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बीते 22 मार्च को कहा था कि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के मामले में उच्च्तम न्यायालय का फैसला दलित समाज के लिये ठीक नहीं है, साथ ही दावा किया कि सरकार इस आदेश को लेकर शीघ्र ही पुनरीक्षण याचिका दायर करेगी.


रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया (ए) के अध्यक्ष अठावले ने यहां जारी एक बयान में कहा था कि इस मामले को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली से उन्होंने व्यक्तिगत मुलाकात की है. भारत सरकार इस मामले में सक्रिय है. अठावले ने दावा किया कि शीघ्र ही सुप्रीम कोर्ट के नये निर्णय का अध्ययन कर रिव्यू याचिका भारत सरकार कि ओर दाखिल की जाएगी.


(इनपुट एजेंसी से भी)