लंदन: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी से मुकाबले के लिए एक ‘ताकतवर गठबंधन’ बनाकर जीत हासिल करेगी. हाउस ऑफ कॉमन्स परिसर में ‘भारत एवं विश्व’ नाम के एक परिचर्चा कार्यक्रम के दौरान राहुल ने देश की पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों को अलग-थलग रखने की राजनीति के जरिय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जैसी ताकतों की कट्टर और नफरत से भरी विचारधारा को भारत पर थोपने की कोशिश के खिलाफ चेताया.


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राहुल ने कहा, "हम 2019 में चुनाव जीतने जा रहे हैं और हम ऐसे भारत में वापसी कर सकते हैं जहां लोगों का सम्मान किया जाता था और पूरे देश को एकजुट रखा जाता था." 


उन्होंने कहा कि भारत में बांटने वाली ताकतों से मुकाबले के लिए कांग्रेस एक ‘ताकतवर गठबंधन’ बनाने जा रही है. राहुल ने कहा कि कांग्रेस ‘कमजोरों के संरक्षण’ के लिए समर्पित पार्टी है. उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह विमर्श और अपने विचारों से इत्तेफाक नहीं रखने वालों को दबा रही है. 



ब्रिटेन के सांसदों और स्थानीय नेताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि युवा नेताओं को साथ लाकर और महिला नेताओं को ज्यादा जगह देकर पार्टी खुद को बदलने को लेकर प्रतिबद्ध है. साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस पार्टी की ‘संलिप्तता’ के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल ने उस घटना को ‘त्रासदी’ और ‘दर्दनाक अनुभव’ करार दिया, लेकिन इस बात से सहमत नहीं हुए कि कांग्रेस इसमें ‘शामिल’ थी. 


उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि किसी के खिलाफ की गई कोई भी हिंसा गलत है. भारत में कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं, लेकिन जहां तक मेरी राय है, उस दौरान हुई किसी भी गलती के लिए सजा मिलनी चाहिए...मैं इसमें 100 फीसदी समर्थन दूंगा." 



राहुल के बयान पर बीजेपी-कांग्रेस में वाकयुद्ध
राहुल गांधी द्वारा आरएसएस की तुलना कट्टरपंथी इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से किए जाने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर तीखा हमला बोला तो कांग्रेस ने उनका बचाव करते हुए कहा कि उसके नेता के बयान को विकृत करके नहीं देखा जाना चाहिए. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक की पृष्ठभूमि के हैं और गांधी द्वारा लंदन में एक कार्यक्रम में संगठन की तुलना एक इस्लामी संगठन से किया जाना ‘अक्षम्य’ है.


वहीं इसी मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "किसी भी वक्तव्य को संपूर्ण रूप में और संदर्भ के साथ देखना चाहिए. ये गलती कई लोगों ने कल भी की है और आज भी कर रहे हैं कि उन्होंने उनकी बात को संदर्भ के साथ नहीं देखा." 



उन्होंने कहा, "अतिवादी विचार के बारे में बात करते हुए उन्होंने उदाहरण के तौर पर कुछ कहा. वह महिलाओं को अलग-थलग रखने के संदर्भ में बात कर रहे थे." उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि इसमे कोई गलत बात नहीं है कि जिस तरह आरएसएस कई सारे अतिवादी रुख अपनाता है, उसी तरह दूसरे धर्मों से संबंधित कई संस्थाएं भी रूख अपनाती हैं. अगर आप एक वाक्य को ऐसे उठाकर विकृत करेंगे तो वह तो विकृत होगा ही."