लंदन : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को ब्रिटेन में कई अरब डॉलर वाले राफेल समझौते का मुद्दा उठाया. उन्‍होंने बीजेपी सरकार पर कर्ज में फंसे एक उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के लिए करार में बदलाव करने का आरोप लगाया. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एलएसई) में नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्युमनाई यूनियन (ब्रिटेन) के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने राफेल समझौते में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक कारोबारी का पक्ष लेने का आरोप लगाया जिसके पास विमान उत्पादन में कोई अनुभव नहीं था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राहुल गांधी इस समझौते को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोलते रहे हैं और उसपर यूपीए के पूर्व शासन में तय हुए समझौते से ज्यादा कीमत पर करार का आरोप लगाते रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2014 के आम चुनावों में मिली हार से पार्टी ने सबक सीखा है और स्वीकार किया कि 10 साल तक सत्ता में रहने की वजह से उसमें ‘‘एक हद तक दंभ’’ आ गया था.


इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटजिक स्टडीज में यहां एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा, ‘‘आपको सुनना होगा - नेतृत्व का आशय सीखना है.’’ गांधी से जब पूछा गया कि उनकी पार्टी ने 2014 में मिली चुनावी शिकस्त से क्या सीखा, तो उन्होंने कहा, ‘‘10 साल तक सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस में कुछ हद तक दंभ आ गया था और हमनें सबक सीखा.’’


राहुल ने कहा कि भारत नौकरियां देकर ही अपना कद बढ़ा सकता है और भारत में ‘‘नौकरियों का संकट’’ है. उन्होंने कहा कि चीन जहां प्रत्येक 24 घंटे में 50,000 नौकरियों का सृजन करता है वहीं भारत इस अवधि में महज 450 नौकरियां सृजित कर पाता है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपना प्रभाव कैसे बढ़ा सकता है जब आप मूल तत्वों की अनदेखी करते हैं.
(इनपुट भाषा)