Madhabi Puri Buch: सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच भ्रष्टाचर के गंभीर आरोपों से घिरी हुई हैं. इसी बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुच द्वारा संसद की लोक लेखा समिति पीएसी के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताने के बाद कुछ सवाल दागे हैं. उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया पर सवाल पूछते हुए लिखा कि आखिर उन्हें पीएसी के प्रति जवाबदेह होने से बचाने के मंसूबे के पीछे कौन है.


जवाब देने में क्यों अनिच्छुक हैं?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राहुल गांधी ने लिखा कि माधवी बुच संसद की लोक लेखा समिति पीएसी के समक्ष सवालों का जवाब देने में क्यों अनिच्छुक हैं? उन्हें पीएसी के प्रति जवाबदेह होने से बचाने के मंसूबे के पीछे कौन है?



खरगे ने भी तीखे सवाल दागे


इतना ही नहीं राहुल के अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी सवाल दागे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार अपने ‘कारनामों’ को सेबी प्रमुख को ढाल बनाकर छिपा नहीं सकती. खरगे ने कहा कि संसद की पीएसी को संवैधानिक अधिकार है कि वो किसी भी सरकारी जांच के विषय में किसी भी अधिकारी को तलब कर सकती है. सेबी की स्वायत्तता को सुरक्षित रखने के लिए, संस्थान की निष्पक्षता बरक़रार रखने के लिए और संसद में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सेबी प्रमुख को पीएसी के समक्ष जवाब देने ही होंगे.


वेणुगोपाल ने बैठक स्थगित कर दी


खरगे ने तो यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने कारनामों को सेबी प्रमुख को ढाल बनाकर छिपा नहीं सकती है. आख़िरकार करोड़ों छोटे-मध्यम लोगों के निवेश का सवाल है. वहीं माधवी पुरी बुच के पीएसी के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताने के कारण समिति के प्रमुख केसी वेणुगोपाल ने इसकी बैठक स्थगित कर दी. हालांकि बीजेपी ने वेणुगोपाल पर एकतरफा तरीके से निर्णय लेने और असंसदीय आचरण करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की है.