BJP Leaders Slam Rahul Gandhi: कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने अमेरिका दौरे पर दिए विवादित बयानों से देश का सियासी पारा हाई कर दिया है. राहुल गांधी ने अमेरिका में जाकर चीन की तारीफ की, भारत में सिख समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता की बात की, जातिगत आरक्षण और बेरोजगारी को लेकर विवादित बयान दिए और भारत विरोधी अमेरिकी सांसद इल्हान उमर से भी मुलाकात की. इसको लेकर वह सियासी निशाने पर आ गए हैं.


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राहुल गांधी ने जातिगत आरक्षण वाले बयान पर फौरन सफाई दी


भारत में सियासी तौर पर राहुल गांधी के विरोधियों को उनका सिखों से जुड़ा बयान और जातिगत आरक्षण को खत्म करने वाला बयान सबसे ज्यादा नागवार गुजरा है. हालांकि, राहुल गांधी ने वाशिंगटन डीसी में ही सबसे पहले आरक्षण वाले बयान पर सफाई दी है. राहुल ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से दिखाया गया है. कांग्रेस तो सत्ता में आने के बाद आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से भी ज्यादा करेगी. उन्होंने कहा कि वह और उनकी कांग्रेस पार्टी आरक्षण के खिलाफ नहीं है. बल्कि वो तो सभी की भागीदारी के लिए राजनीति कर रहे हैं.


वाशिंगटन डीसी में राहुल गांधी ने जातिगत आरक्षण पर क्या कहा?


राहुल गांधी ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों से बातचीत के दौरान जातिगत आरक्षण पर यह चर्चित बयान दिया. बातचीत में एक छात्र ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या जाति आधारित आरक्षण के अलावा जमीनी स्तर पर संस्थानों को मजबूत करने के और भी बेहतर तरीके हैं? राहुल गांधी ने इसके जवाब में कहा, ''कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे और फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है.'' इसके बाद देश में राजनीतिक हंगामा बढ़ गया है.


राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पलटवार


राहुल गांधी के जातिगत आरक्षण को खत्म करने से जुड़े बयान को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी पार्टी है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘देश विरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आदत सी बन गई है. चाहे जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के देशविरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो या फिर विदेशी मंचों पर भारत विरोधी बातें करनी हो, राहुल गांधी ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है.’’


जब तक भाजपा है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता: अमित शाह


अमित शाह ने आगे कहा कि भाषा से भाषा, क्षेत्र से क्षेत्र और धर्म से धर्म में भेदभाव लाने की बात करना राहुल गांधी की ‘विभाजनकारी’ सोच को दर्शाता है. राहुल गांधी ने आरक्षण को समाप्त करने की बात कहकर कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर से देश के सामने लाने का काम किया है. शाह ने कहा, ‘‘मन के विचार और सोच किसी न किसी माध्यम से बाहर आ ही जाती है. मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि जब तक भाजपा है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता.’’



भाजपा और एनडीए की ओर से कई दिग्गज नेताओं ने साधा निशाना


अमित शाह के अलावा भाजपा और एनडीए की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अनुराग सिंह ठाकुर और चिराग पासवान समेत कई दिग्गज नेताओं ने राहुल गांधी को सियासी तौर पर निशाने पर लिया. हिमंत बिस्व सरमा ने राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयानों को लेकर उनके पिता राजीव गांधी और परनाना जवाहरलाल नेहरू तक की याद दिलाई. 


वहीं, सिंधिया ने लिखा,  'देश के दलित, ओबीसी और आदिवासी भाई-बहन, कांग्रेस से सचेत रहें!. कांग्रेस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय संविधान और डॉ. बी.आर. अंबेडकर के समानता के सिद्धांत उनके लिए कोई मायने नहीं रखते. आरक्षण खत्म करने के बारे में राहुल गांधी का बयान हमारे एससी/एसटी/पिछड़े समुदायों के प्रति कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है.'  


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बसपा चीफ मायावती समेत कई दलित संगठनों का कांग्रेस पर हमला


आरक्षण के बारे में राहुल गांधी के बयान को लेकर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान से स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से SC, ST और OBC का आरक्षण खत्म करने की साजिश में लगी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी भी दलितों और ओबीसी को आरक्षण देने के पक्ष में नहीं रही. कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने ही प्रमोशन में आरक्षण को रोक कर रखा. अब जातिगत जनगणना के लिए भी उससे उम्मीद नहीं की जा सकती. राहुल के इस बयान को बसपा के अलावा कुछ दलित संगठनों ने मुद्दा बनाया और कांग्रेस पर जमकर हमला किया.


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जातिगत आरक्षण वाले विवादित बयान पर राहुल ने क्यों दी फौरन सफाई? 


इसके बाद राहुल गांधी को वाशिंगटन डीसी से ही आरक्षण वाले बयान पर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने बयानों को गलत दिखाए जाने वाले बचाव की पुरानी लाइन का सहारा भी लिया. क्योंकि आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार को घेरने में वह सबसे मुखर रहने वाले विपक्षी नेता हैं. साथ ही कुछ ही महीने में देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव है. हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव की प्रक्रिया शुरू है तो महाराष्ट्र और झारखंड में जल्द ही चुनाव होने वाला है. इसके अलावा, राहुल गांधी ही नहीं देश के सभी दलों के नेता जानते हैं कि जातिगत आरक्षण इन दिनों देश का सबसे ज्वलंत सियासी मुद्दा है.


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