Rahul Gandhi Letter to Lok Sabha Speaker: लोकसभा में भाषण का अंश हटाने को लेकर राहुल गांधी ने स्पीकर को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में राहुल गांधी ने लिखा है कि वो ये देखकर हैरान हैं कि किस तरह से उनकी स्पीच के एक खास हिस्से को हटा दिया गया है. राहुल गांधी ने लिखा कि उन्होंने सदन में तथ्यों और जमीनी हकीकत को रखने की कोशिश की थी. राहुल गांधी ने दावा किया जो अंश हटाया गया है वो नियम 380 के तहत नहीं आता. यही नहीं, राहुल गांधी ने अनुराग ठाकुर के भाषण का हवाला देते हुए कहा है कि जब उनकी स्पीच आरोपों से भरी हुई थी, लेकिन उसमें से सिर्फ एक शब्द को ही हटाया गया था.


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राहुल गांधी ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी


राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'मैं 1 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मेरे भाषण से निकाली गई टिप्पणियों और अंशों के संदर्भ में लिख रहा हूं. सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को निकालने की शक्ति प्राप्त है, लेकिन इसमें केवल उन शब्दों को निकालने का प्रावधान है, जिनकी प्रकृति लोकसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 380 में निर्दिष्ट की गई है.'


राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'हालांकि, मैं यह देखकर हैरान हूं कि किस तरह मेरे भाषण के एक बड़े हिस्से को कार्यवाही से निकाल दिया गया और उसे विलोपित कर दिया गया. मैं लोकसभा में हुई बहस के कुछ अंश संलग्न कर रहा हूं, जिन्हें संशोधित नहीं किया गया है. मैं यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए अंश नियम 380 के दायरे में नहीं आते. मैं सदन में जो कहना चाहता था, वह जमीनी हकीकत है, तथ्यात्मक स्थिति है. सदन का प्रत्येक सदस्य जो जनता की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है. सदन में लोगों की चिंताओं को उठाना प्रत्येक सदस्य का अधिकार है.'


उन्होंने लिखा, 'यह वही अधिकार है और देश की जनता के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए मैं कल इसका प्रयोग कर रहा था. रिकॉर्ड से हटाई गई मेरी विचारपूर्ण टिप्पणी संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है.


'अनुराग ठाकुर का एक शब्द, मेरी स्पीच का खास हिस्सा..'


राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'इस संदर्भ में मैं अनुराग ठाकुर के भाषण की ओर भी ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिनका भाषण आरोपों से भरा था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उनके भाषण का केवल एक शब्द हटाया गया है! आपके प्रति सम्मान के साथ यह चुनिंदा शब्द हटाना तर्क के विरुद्ध है. मैं अनुरोध करता हूं कि कार्यवाही से हटाई गई टिप्पणियों को बहाल किया जाए.'