नई दिल्ली: रेलवे यात्री किराया से इतर दूसरे स्रोतों से आय बढ़ाने पर जोर दे रहा है. रेलवे बोर्ड ने अपने सभी मंडलों से 'मिशन मोड' के साथ काम करते हुये विज्ञापन के जरिये रेलवे की एक-एक ईंच भूमि से राजस्व जुटाने को कहा है. भारतीय रेलवे की गैर-किराया स्रोतों से अगले 10 साल में 39,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. लेकिन इस योजना का परिणाम उम्मीद के विपरीत ठंडा रहा है. कमाई के संदर्भ में 2016-17 में रेलवे ने जहां इन उपायों से 10,338 करोड़ रुपये की आय सृजित की. वहीं 2017-18 में 14,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले उसे 8,600 करोड़ रुपये प्राप्त हुये. वित्त वर्ष 2018-19 में अप्रैल तक इस मद से राजस्व महज 32.65 करोड़ रुपये ही मिला है, जबकि लक्ष्य 1200 करोड़ रुपये का रखा गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अन्य स्रोतों से राजस्व सृजित करने के लिए मिशन मोड
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी से 12 जुलाई को लिखे पत्र में कहा है, 'आप किराया से इतर अन्य स्रोतों से राजस्व सृजित करने की जरूरत से अवगत होंगे. अन्य उपायों के अलावा रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को सुविधा में सुधार के लिये जगह का उपयोग कर अतिरिक्त राजस्व सृजित करने का त्वरित परिणाम निकल सकता है.' उन्होंने लिखा है कि मंडलों को अपने क्षेत्र में सृजित होने वाले अतिरिक्त राजस्व सृजन को लेकर 'वास्तविक आकलन' करना चाहिए और इस बारे में उन्हें मासिक रिपोर्ट भेजनी चाहिये. लोहानी ने अपने पत्र में प्रत्येक जोन से विज्ञापन के जरिये आय सृजित करने को लेकर रेलवे की एक-एक ईंच संपत्ति का उपयोग करने को कहा है. इसमें प्लेटफार्म, बेंच, शौचालय की दीवार, पुल, बिस्तरों के पैकेट आदि शामिल हैं. उन्होंने लिखा है, 'रेलवे मंडलों को गैर-किराया स्रोतों से आय सृजित करने को लेकर 'मिशन मोड' में आगे बढ़ना चाहिये.'


रेलवे ने किए हैं काफी बदलाव
आईआरसीटीसी ने 2016 में विकल्प स्कीम लॉन्च की थी. इस स्कीम के तहत यात्रियों को टिकट वेटिंग में रहने पर वैकल्पिक ट्रेन से सफर कराया जाता है. मतलब यह यात्री ने जिस ट्रेन में टिकट कराया है, उसमें वेटिंग कन्फर्म नहीं होने पर उसी रूट की किसी दूसरी ट्रेन में उसे सीट दी जाए. हालांकि, इसके लिए दूसरी ट्रेन में जगह खाली होनी चाहिए. यह स्कीम सभी तरह के पैसेंजर्स के लिए है. इस स्कीम के तहत यात्री 7 ट्रेनों को चुन सकते हैं. ट्रेन लेट होने की जानकारी: रेलवे ने यात्रियों को SMS के जरिए ट्रेन का स्टेट्स भेजना शुरू किया है. इसमें यात्रियों को ट्रेन के रीशेड्यूल होने की जानकारी दी जाती है. प्लेटफॉर्म पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने और व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए यह सर्विस शुरू की गई थी.


(इनपुट भाषा से)