नई दिल्ली: रेलवे ने सोमवार से 200 विशेष यात्री ट्रेनों को चलाने का फैसला लिया है लेकिन तीन राज्यों ने ट्रेनों के परिचालन पर आपत्ति जाहिर की. तीन राज्यों ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई और ट्रेनों के परिचालन का विरोध किया. मामले के समाधान के लिए रेलवे मुख्यालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई. बाद में रेलवे ने योजना में कोई बदलाव नहीं होने की बात करते हुए इनके ठहराव में बदलाव की इजाजत दी. 


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इससे पहले, रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा था, "झारखंड, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र ने योजना के अनुसार इन ट्रेनों को चलाने या ठहराव की संख्या को लेकर आपत्ति जाहिर की है. राज्यों के साथ मामले पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. इस संबंध में किसी भी अन्य घटनाक्रम के बारे में बताया जाएगा." 


सूत्रों ने बताया कि झारखंड ने अनुरोध किया था कि राज्य आने वाली चार ट्रेनों का परिचालन नहीं किया जाए, जबकि 20 अन्य के ठहराव कम हो. आंध्र प्रदेश ने कहा कि केवल 22 ट्रेन राज्य में आनी चाहिए और फिलहाल ठहराव की संख्या कम की जाए. सूत्रों के अनुसार रेलवे द्वारा बनाई गई योजनाओं के अनुसार आंध्र प्रदेश में 71 ठहराव थे.


हालांकि वह केवल 18 स्थानों पर ठहराव चाहता है क्योंकि उनका कहना है कि अन्य ठहराव बिंदुओं पर पृथक रखने संबंधी बुनियादी ढांचा तैयार करना संभव नहीं था. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र ने लॉकडाउन की अवधि को 30 जून तक बढ़ा दिया है और ट्रेन तथा विमान परिचालन प्रतिबंधित किया है.


यात्रियों को करना होगा इन नियमों का पालन
1 जून सोमवार से रेलवे 200 ट्रेनों का परिचालन शुरू करने जा रहा है. ऐसे में यात्रियों के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं, जिनको उन्हें फॉलो करना होगा. स्टेशन परिसर में केवल कंफर्म या फिर आरएसी टिकट धारकों को ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी. वेटिंग टिकट धारकों को स्टेशन में प्रवेश नहीं मिलेगा. 


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यात्री अब सीधे 120 दिन पहले यानि 4 महीने पहले ही अपनी यात्रा की टिकट बुक करा सकते हैं. इससे टिकट मिलने और यात्रा की योजना बनाने में मदद मिलेगी. बताते चलें कि अभी तक आप सिर्फ एक महीने पहले ही एडवांस बुकिंग करा सकते हैं. 3 महीने पहले टिकट बुक कराने के साथ रेलवे ने इन ट्रेन में करंट सीट बुकिंग, तत्काल कोटा बुकिंग और बीच के स्टेशनों से भी टिकट बुक करने की सर्विस शुरू करने का फैसला किया है.


(इनपुट: भाषा से)