Rajasthan CM Ashok Gehlot Budget Speech 2023: राजस्थान असेंबली में शुक्रवार को पेश हुए बजट में सीएम अशोक गहलोत को किरकिरी का सामना करना पड़ा. बतौर वित्तमंत्री उन्होंने राज्य का बजट पेश किया तो पिछले साल का बजट भाषण पढ़ते चले गए. करीब 8 मिनट तक पिछला बजट पढ़ने के बाद मंत्री महेश जोशी को पीछे से आकर उन्हें टोका, जिसके बाद सीएम गहलोत को अपनी गलती का अहसास हुआ और वे सॉरी बोलते हुए रुक गए. इसके बाद उन्होंने नया भाषण शुरू किया. तब तक सदन में बाजी पलट चुकी थी और विपक्षी बीजेपी ने शेम-शेम के नारे लगातर सत्तारूढ़ पार्टी को बैकफुट पर कर दिया.


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असेंबली में पहली बार हुई इस तरह की घटना


राज्य के विधानसभा इतिहास में पहली बार हुई इस तरह की घटना (Rajasthan CM Ashok Gehlot Budget Speech 2023) के बाद सदन में भारी हंगामा हुआ और कार्यवाही को 2 बार स्थगित करना पड़ा. इस दौरान सीएम गहलोत भी विचलित दिखाई दिए. काफी हंगामा होने के बाद उन्होंने और सदन के स्पीकर ने माफी मांगी और इसके बाद आगे की कार्यवाही शुरू की गई. सबके अधरों पर यही सवाल रहा कि सीएम गहलोत से इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे हो गई. उनके पास पिछले बजट भाषण की स्पीच कैसे पहुंच गई. 


जानें कैसे हो गई सीएम गहलोत से चूक


सदन की कार्यवाही के जानकारों के अनुसार सरकार का सालाना बजट तैयार करते समय वित्त मंत्री अक्सर पिछले साल पेश हुए बजट का संदर्भ लेते हैं और उसके हिसाब से नए बजट का ढांचा तैयार करते हैं. इसके बाद ही उसमें नए साल के लिए बजट घोषणाएं डाली जाती हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है, जिससे सदन को तुलना करके बताया जा सके कि पिछले साल किस मद में कितना बजट रखा गया था और अब कितना बजट बढ़ाया या घटाया गया है. इन्हीं संदर्भों के पन्नों को बजट स्पीच की फाइल में पीछे की ओर रखा जाता है, जिससे जरूरत पड़ने पर वित्त मंत्री उसे पढ़कर सदन को बता सके. 


कई अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई


सीएम अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot Budget Speech 2023) राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ ही प्रदेश के वित्त मंत्री भी हैं. उन्होंने जब असेंबली में बजट भाषण पढ़ना शुरू किया तो पिछले साल के बजट का संदर्भ देने वाला पन्ना फाइल में पीछे के बजाय आगे रखा हुआ था, जिसके चलते सीएम ने बिना उस पर ध्यान दिए पढ़ना शुरू कर दिया और एक बड़ी चूक हो गई. इस घटना के बाद से सीएम अशोक गहलोत काफी नाराज हैं. उन्होंने राज्य की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को तलब कर इस लापरवाही का कारण स्पष्ट करने को कहा है. माना जा रहा है कि सदन में बजट पास होने के बाद मुख्यमंत्री इस मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. 


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