Rajasthan: राजस्थान के सरकारी कॉलेजों को नारंगी रंग में रंगने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. कायाकल्प योजना के तहत 20 सरकारी कॉलेजों को अपने भवनों और प्रवेश कक्षों के सामने के हिस्से को नारंगी रंग रंगने से संबंधित निर्देश राजस्थान कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की तरफ से जारी किए गए हैं. हालांकि कांग्रेस ने इस निर्देश को राजनीति से जोड़ते हुए शैक्षणिक संस्थानों का राजनीतिकरण करने का प्रयास बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार वादे पूरे नहीं कर पा रही है, ऐसे में वो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है.


क्या है कमिश्नरेट का आदेश?


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राजस्थान कॉलेज एजुकेशन कमिश्नरेट ने कायाकल्प योजना के तहत 20 सरकारी कॉलेजों को अपने भवनों और प्रवेश कक्षों के सामने के हिस्से को नारंगी (ऑरेंज) रंग से रंगने का निर्देश दिया है. 'कायाकल्प' योजना देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सफाई, स्वच्छता और संक्रमण कंट्रोल को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक राष्ट्रीय पहल है. कॉलेज शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक (योजना) विजेंद्र कुमार शर्मा ने इस बारे में एक आदेश पिछले महीने जारी किया था. 


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क्यों लिया गया फैसला?


इसके तहत कॉलेजों के भवन के सामने के हिस्से यानी फ्रंट और प्रवेश हॉल का रंग 'व्हाइट गोल्ड' और 'ऑरेंज क्राउन' किया जाएगा. आदेश में कहा गया है,'कॉलेज उच्च शिक्षा के मुख्य केंद्र हैं. कॉलेज का शैक्षणिक माहौल और परिदृश्य छात्रों के लिए ऐसा होना चाहिए कि वे कॉलेज में दाखिल होते ही सकारात्मक महसूस करें. उच्च शिक्षा के बारे में समाज में एक अच्छा संदेश जाना चाहिए और इसलिए कॉलेजों में सकारात्मक, स्वच्छ, स्वस्थ और शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए कॉलेजों का कायाकल्प किया जाना चाहिए.


संयुक्त निदेशक ने आदेश में कहा गया है कि योजना के पहले चरण में प्रत्येक संभाग के दो सरकारी कॉलेजों को शामिल किया गया है और 20 कॉलेजों के भवनों के सामने के हिस्से और प्रवेश हॉल को व्हाइट गोल्ड 8292' और 'ऑरेंज क्राउन 7974' से रंगा जाना चाहिए. 


ध्यान भटका रही है सरकार: कांग्रेस


हालांकि दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने इसको लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह कॉलेजों में शिक्षा का 'राजनीतिकरण' करने की कोशिश है. उन्होंने कहा,'भाजपा सरकार लोगों से किए गए चुनावी वादों को पूरा करने में नाकाम हो गई है. सरकार के पास अपनी उपलब्धियों के रूप में बताने के लिए कुछ भी नहीं है और ध्यान हटाने के लिए वह इस तरह के कदमों का सहारा ले रही है.'