घरवालों को पहचान भी नहीं पा रहा, कई दिन से भूखा; कहीं आप तो नहीं हो रहे इस बीमारी का शिकार
Mobile Addiction made mentally ill in Rajasthan: अकरम की यह हालत देखने के बाद घरवाले परेशान हो उठे. शहर के मनोचिकित्सक उसका इलाज कर रहे हैं. डॉक्टरों ने उसका सिटी स्कैन कराया है और अब उसके हिसाब से युवक का इलाज किया जा रहा है. इस खबर के सामने आने के बाद सैकड़ों पैरेंट्स में अपने बच्चों को लेकर फिक्र बढ़ गई है.
नई दिल्ली: मोबाइल एडिक्शन जो न कराए वो कम है. इंटरनेट की दुनिया में इसकी अजब-गजब मिसालें अक्सर मिलती रहती हैं. कुछ ऐसा ही मामला राजस्थान के चुरू में सामने आया है. जहां पर एक युवक को मोबाइल की इस कदर लत लगी है कि वो अपनी सुध-बुध तक खो चुका है.
मेमोरी लॉस का शिकार
हैरानी का आलम ये है कि 20 साल का ये लड़का अब अपने घरवालों तक को नहीं पहचान पा रहा यानी मामला मेमोरी लॉस होने तक बिगड़ चुका है. फिलहाल परिजनों ने उसे चुरु के अस्पताल में भर्ती कराया है .
मोबाइल के साथ सोना-जागना
जानकारी के मुताबिक 20 साल का अकरम बिजली बाइंडिंग का काम करता है. उसके चाचा ने बताया कि पिछले एक महीने से वह अपना पूरा टाइम मोबाइल पर बिता रहा था. कई बार तो ऐसा हो जाता था कि वह पूरी-पूरी रात मोबाइल से चिपका रहता था.
उसकी लत इस कदर बढ़ी कि उसकी भूख-प्यास भी खत्म हो गई थी. वहीं अकरम की मां के मुताबिक जब वो उसे खाना देने जाती थीं तो वह प्लेट को बिस्तर पर गिरा देता था.
बाकी पैरेंट्स की बढ़ी चिंता
ईटीवी भारत में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अकरम की यह हालत देखने के बाद घरवाले परेशान हो उठे. अब शहर के नामी मनोचिकित्सक अकरम का इलाज कर रहे हैं. डॉक्टरों ने उसका सिटी स्कैन कराया है और अब उसके हिसाब से युवक का इलाज किया जा रहा है. इस खबर के सामने आने के बाद सैकड़ों पैरेंट्स में अपने बच्चों को लेकर फिक्र बढ़ गई है.
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पैरेंट्स का कहना है कि कोरोना काल में करीब डेढ़ साल से बच्चों की पढ़ाई लिखाई सब ऑनलाइन हो रही है. वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को अपने बच्चों का ध्यान रखने के साथ उनकी एक्टिविटी पर भी नजर रखनी चाहिए ताकि उन्हें एक निश्चित समय तक ही मोबाइल का इस्तेमाल करने की सीख दी जा सके.
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