Beawar: शहर के समीप पातलिया गांव स्थित कालका माता मंदिर के पीछे बनी दिवार के पत्थरों के बीच एक अजगर मिलने की सूचना पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. इस दौरान ग्रामीणों ने इसकी जानकारी गांव के उपसरपंच उगमसिंह को दी गई. अजगर मिलने की जानकारी के बाद उगमसिंह भी मौके पर पहुंचे और पर्यावरण प्रेमी स्नेक कैचर सुरेंद्र सिंह बर को सूचना देकर मौके पर बुलाया. सूचना मिलने के बाद कुछ ही देर में सुरेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए और कालका माता मंदिर के पीछे बनी दीवार के पत्थरों के बीच रेंग रहे एक 13 फुट लंबे और करीब 30 किलो वजनी अजगर को देखा. 


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इस दौरान अजगर दिवार में इधर उधर रेंगता रहा, जिसके कारण उसे पकड़ने में स्नेक कैचर सुरेंद्र सिंह को कडी मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन काफी देर की मशक्कत के बाद सिंह ने उसे पकड़ लिया तब कहीं जाकर ग्रामीणों ने चैन की सांस ली. पर्यावरण प्रेमी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह जब गांव की महिलाएं जंगल से लकड़ियां लेने के लिए कालका माता मंदिर के पीछे से गुजर रही थी. 


उसी दौरान उनकी नजर मंदिर की दिवार पर गई तो वहां पर पत्थरों के बीच रेंगते हुए एक बड़े सारे अजगर को देखकर महिलाएं सहम गई और इसकी जानकारी उन्होंने तुरंत उपसरपंच उगमसिंह को दी. जिसके बाद उगमसिंह ने स्नेक कैचर सुरेंद्रसिंह को गांव में अजगर होने की जानकारी दी. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सर्दियों के मौसम में अजगर अपने बिलों से बाहर निकल कर शिकार की तलाश करते है. जिसके चलते ही यह अजगर आबादी क्षेत्र में घुस गया होगा. सुरेन्द्रसिंह द्वारा अजगर का सुरक्षित रेस्क्यू किया जाकर उसे पास ही के जंगल में छोडऩे के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. अजगर के रेस्क्यू के दौरान उगमसिंह, मोहनसिंह, संपत लाल नायक, चेतन सिंह, मुकेश तथा चंदू आदि ग्रामीणों ने सहयोग किया.