Ajmer Dargah: विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 812वा उर्स शुरू हो चुका है, जिसमें देश ओर दुनिया के कोने कोने से जायरीन दरगाह जियारत के लिए अजमेर पहुंच रहे हैं. वही सोमवार को पाकिस्तानी जायरीन का जत्था अमृतसर से स्पेशल ट्रेन के जरिए अजमेर पहुंचे. ट्रेन पांच घंटे देरी से पहुंची. जिसके बाद पाकिस्तान से आए 230 जायरीन और पाकिस्तान एंबेसी के तीन अधिकारी थे.  जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच बसों में बैठाकर सेंट्रल गर्ल्स स्कूल पहुंचाया गया. जहां उन्हें ठहराने की व्यवस्था की गई हैं. 


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बता दें कि गरीब नवाज के उर्स में शिरकत करने के लिए हर साल पाकिस्तान के नागरिक दरगाह में जियारत के लिए आते हैं . इसी कड़ी में सोमवार को  230 पाक जायरीन का जत्था अजमेर पहुंचा है. इस जत्थे में कई जायरीन पूर्व में भी आ चुके हैं तो कुछ जायरीन पहली बार अजमेर आए हैं.


 जायरीनों की आंखे हुई नम
इस अवसर पर  पाक जायरीन ने अजमेर में आकर अपनी खुशी का इजहार किया और कहा कि, अजमेर आकर उन्हें दिली सुकून मिला है. वहीं कुछ जायरीन ने कहा की उनका राजस्थान और भारत की मिट्टी से पुराना रिश्ता हैं इसीलिए वह भारत आते हैं. वही कुछ जायरीन की अजमेर पहुंचते ही आंखे नम हो गई. जायरीनों के जरिए भारत सरकार का शुक्रिया भी अदा किया गया ओर तमाम व्यवस्थाओ को अच्छा बताया.


 17 जनवरी को करेंगे जियारत
 पाकिस्तान से जायरीन मखमली चादर और चांदी का ताज लेकर आए हैं ओर 17 जनवरी को पाकिस्तान की ओर से चादर पेश की जाएगी. अजमेर एसपी ने कहा की पाकिस्तान से आए जायरीन को हमने सेंटर गर्ल्स स्कूल मे ठाराया हैं ओर उन्हें पहले ब्रेफिंग की जाएगी . साथ ही किसी भी जायरीन को सिम कार्ड नहीं खरीदने दिया जाएगा .ना ही उन्हें अजमेर शहर से बाहर जाने की अनुमति होगी.


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