Ajmer News: पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर प्रदेश को अंधेरे में डुबोने का आरोप लगाया है. देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार के कुप्रबंधन के चलते प्रदेश का बिजली तंत्र और असहाय हो चला है, और जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. देवनानी ने कहा कि प्रदेश में घोषित और अघोषित बिजली कटौती के बावजूद भी लोगों के बिल पहले की तुलना में दो से तीन गुना ज्यादा बढ़कर आ रहे हैं.


 प्रदेश में महज 48 ही नए जीएसएस बन पाए हैं


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देवनानी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की चुनाव के वक्त कांग्रेस ने प्रदेश में 148 जीएसएस बनाने की घोषणा की थी, लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी प्रदेश में महज 48 ही नए जीएसएस बन पाए हैं. जबकि 84 में तो अभी तक काम भी शुरू नहीं हो पाया है.देवनानी ने कहा कि साल 2013 में जब भाजपा ने सत्ता संभाली तब तीनों बिजली कंपनियों पर कुल 80 हजार करोड़ का कर्ज था, जिसे 5 सालों में घटकर 2018 में जब भाजपा की सरकार सत्ता से बाहर हुई उसे 20 हजार करोड़ पर ला दिया था.


  90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है


लेकिन पिछले साढ़े चार साल के दौरान तीनों बिजली कंपनियां वापस से 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है, और इसकी सीधी मार प्रदेश की जनता पर पड़ रही है.देवनानी ने कोयला खरीद में भी जमकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली कंपनियां मार्केट रेट से कहीं ज्यादा महंगी दर पर कोयला खरीद रही हैं. 


देवनानी ने कहा कि बिजली कंपनियां 18 हजार रुपए प्रति मीट्रिक टन कोयला खरीद रही है, जबकि बाजार दर 5 से 6 हजार प्रति मीट्रिक टन ही है. देवनानी ने कहा इस गोरखधंधे के चलते पिछले साढ़े चार साल में प्रदेश की जनता पर बिजली के बिल के जरिए जबरदस्त मार मारी जा रही है. देवनानी ने कहा की साल 2018में जब भाजपा सत्ता से बाहर हुई तब प्रति यूनिट बिजली की दर 5.80 रुपए थी जो आज बढ़कर 11.90 रुपए हो गई. 


देवनानी ने अजमेर की पेयजल समस्या को लेकर भी राज्य सरकार पर हमला बोला और कहां की साल 2018 में सत्ता बदलने के साथ ही अजमेर में बदले प्रशासन ने सौतेला व्यवहार करना शुरू कर दिया.देवनानी ने कहा कि पिछली सरकार में भी वे अजमेर उत्तर से विधायक थे और तब बीसलपुर में कम पानी होने के बावजूद शहर को 48 घंटे के अंतराल में जलापूर्ति होती थी.लेकिन आज जब बीसलपुर बांध लबालब भरा हुआ है, तो बावजूद उसके शहर में 72 से 96 घंटे के अंतराल में जलापूर्ति हो रही है.


 देवनानी ने कहा कि भाजपा शासन में स्टील की पाइपलाइन डाली गई थी, जिससे लीकेज की समस्या पर बहुत हद तक काबू पाया गया. लेकिन उसके बाद मौजूदा सरकार में इस काम को रोक दिया गया और आईसीसी की पाइपलाइन आए दिन टूट रही है जिससे जिला पूर्ति भी बाधित होती है. देवनानी ने कहा कि बीसलपुर फेस टू का काम 2021 में ही पूरा हो गया.सरकार ने अभी तक फेस 3 की कार्य योजना भी तैयार नहीं की है.जिसके चलते कई तरह की समस्या खड़ी हो रही हैं.


इसके साथ ही देवनानी ने असमान जल वितरण को लेकर भी विभाग पर निशाना साधा और कहा कि कुछ इलाकों में नियमित सप्लाई हो रही है, जबकि कई इलाके ऐसे हैं जहां पर सप्लाई का समय निश्चित नहीं है. ऐसे में उन्होंने बल्क मीटर लगाने की मांग की जिससे पेयजल वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जा सके.साथ ही देवनानी ने आरोप लगाया कि विभाग की ओर से पानी की टंकियां भी पूरी नहीं भरी जा रही है. जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.


Reporter-Abhijeet Dave


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