Ajmer news: राजस्थान के अजमेर जिले में आचार्य दिगंबर जैन संत विद्यासागर महाराज प्रेरणा से अजमेर में एक हथकरघा एवं हस्तशिप प्रशिक्षण केंद्र 28 अक्टूबर शनिवार से शुरू होगा. महाकवि पंडित भूरामल सामाजिक सहकार न्यास की ओर से महात्मा गांधी स्कूल के पास, श्री नगर रोड़, बडल्या, अजमेर के इस केंद्र में 63 लूमों के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी. निशुल्क प्रशिक्षण के साथ ही तीन सौ रुपए प्रति दिन का मानदेय भी दिया जाएगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़े- खाएं ये 3 चीजों की रोटियां, कभी नहीं बढ़ेगा शुगर लेवल


आंध्र प्रदेश की इकक्त, महाराष्ट्र की पैठनी, गुजरात की अजरख और बाटिक, मध्यप्रदेश की माहेश्वरी, उत्तर प्रदेश की बनारसी, राजस्थान की जरदोजी, जरी, गोटा, सांगानेर, इंडिगो, बंधेज, पश्चिम बंगाल की कंथा, बिहार की मधुवनी आदि समस्त भारत की विलुप्त होती कलाओं का यहां प्रशिक्षण दिया जाएगा. भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट अभियान के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत प्रशिक्षु को हथकरघा घर ले जाने के लिए जैन समाज द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा. 


यह भी पढ़े-  कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी, बामनिया को मिला पांचवी बार मौका कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी, बामनिया को मिला पांचवी बार मौका


अगर कोई युवा उद्यमी अपना खुद का बाजार तंत्र नहीं बना पाता है और वह चाहे तो वह संस्था से निशुल्क कच्चा माल प्राप्त करके बना हुआ माल संस्था को ही बेच कर आमदनी कर सकता है. एक ही छत के नीचे सभी कलाओं को सिखने का अवसर उपलब्ध होगा. यह भारत का सबसे अनूठा और सर्वप्रथम केंद्र होगा. यहां युवकों को सदाचार मूलक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाएगा. अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा इसके लिए 4.38 हेक्टयर भूमि आवंटन किए जाने की अनुशंसा राज्य सरकार को भेजी हुई है, लेकिन आचार संहिता के चलते उसपर निर्णय अभी लंबित है.


यह भी पढ़े- गोविंद डोटासरा के समर्थन में आए सचिन पायलट, कहा- कांग्रेस के नेताओं को डरा नहीं सकते