Ajmer News: ब्यावर पहुंचे साधुमार्गी शांत क्रांति जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कही ये बड़ी बात
Ajmer News: श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएएस राजू भाई भूरट ने कहा कि संघ सेवा सबसे बड़ी सेवा है. इंसान को समाज एवं संघ सेवा से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए. संघ सेवा से तीर्थंकर गोत्र का बंधन होता है. आईएएस भूरट संघ के राष्ट्रीय प्रवास के तहत नगर के मेवाड़ी गेट बाहर आचार्य विजयराज मार्ग स्थित नवकार भवन में विशेष बैठक में बोल रहे थे.
Ajmer News: श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएएस राजू भाई भूरट ने कहा कि संघ सेवा सबसे बड़ी सेवा है. इंसान को समाज एवं संघ सेवा से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए. संघ सेवा से तीर्थंकर गोत्र का बंधन होता है. आईएएस भूरट संघ के राष्ट्रीय प्रवास के तहत नगर के मेवाड़ी गेट बाहर आचार्य विजयराज मार्ग स्थित नवकार भवन में विशेष बैठक में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पैसा कमाना सफलता नहीं, व्यावहारिक होना सफलता है. इंसान को सदैव धर्म करते रहना चाहिए. धर्म ही जीवन है. धर्म की जड़ सदा हरी होती है.
उन्होने इंसान को नियमित सामायिक एवं प्रतिक्रमण करने पर जोर देते हुए कहा कि जिस घर में एक सामायिक साधना रोज होती है, उसकी सात पीढ़ी भूखा नहीं मरती है. मानव अपनी शक्ति एवं धन का सम्यक सदुपयोग करें. इस मौके पर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेन्द्र जैन ने संघ की राष्ट्रीय प्रवृत्तियों एवं कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए संघ कार्यों से जुडने का आह्वान किया. इस विशेष बैठक का आगाज सामूहिक नवकार महामंत्र के जाप से हुआ. श्रद्धालु श्रावक-श्राविकाओं ने नवकार महामंत्र से समूचे क्षेत्र को गुंजा दिया. बैठक को महिला संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष किरण कोचर, स्थानीय संघ अध्यक्ष संपत राज ढेडिया, महामंत्री कमल छल्लानी ने संबोधित किया.
सभा का प्रभावी संचालन युवा संघ के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री प्रकाश जैन ने किया. सभा के आरंभ में महिला मंडल की पूजा छल्लानी एवं स्वीटी कोठारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजसेवी राजू भाई भूरट के पहली बार ब्यावर आने पर युवा संघ अध्यक्ष विनोद लोढ़ा व प्रिंस कोठारी ने तिलक लगाकर स्वागत किया. वहीं, संघ प्रमुख हुकमीचंद सिंघवी पारसमल जैन ने माला पहनाकर कर व शाल ओढ़ाकर एवं राजस्थानी साफा पहनाकर बहुमान किया.