Rajasthan News: आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भगवान शिव- मां पार्वती की पूजा की जाती है, जो सवा महीने तक चलती है. इस दौरान कई सारे चीजें बैन होती हैं.
राजस्थान के आदिवासी इलाकों में गवरी नृत्य करने का एक अनोखा रिवाज है. इस दौरान भील समाज के लोग सवा महीने तक शिव-पार्वती की कथा पर नृत्य करते हैं.
राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है, जहां हर 100 किमी की दूरी पर भाषा और परंपराएं बदल जाती हैं. आज इस 21वीं सदी में भी आदिवासी समाज के लोग कई अनोखी परंपराएं निभाते हैं.
इनमें से एक गवरी नृत्य की परंपरा है. इस दौरान भील समाज के लोग डांस करते हैं. ये परंपरा बांसवाड़ा डूंगरपुर जैसे इलाकों में निभाई जाती है, ये एक उत्सव की तरह मनाई जाती है.
यह डांस माता पार्वती और भगवान शिव की कथा पर आधारित होता है, जो सवा महीने तक चलता है. इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. साथ ही मांस-मदिरा के साथ हरी सब्जी भी खानी छोड़नी पड़ती है.
इस डांस में हिस्सा लेने वाले लोगों को डेढ़ महीने तक घर जाने का अधिकार नहीं होता है. इन अनोखी परंपरा का निर्वहन करने वाले दिन मिट्टी के कपड़े या हाथी की सवारी निकाली जाती है.
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