Ajmer: अजमेर की गेगल थाना क्षेत्र स्थित नरवर इलाके में दलित युवक रोहित की पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले करने के बाद हुई हत्या के मामले में 30 घंटे बाद भी परिजनों और समाज के लोगों ने शव नहीं उठाया है. समाज के साथ ही परिजनों का कहना है कि इस मामले में जिला पुलिस प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई है. ना तो आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है और न ही उनसे कोई बातचीत की जा रही है.


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परिजनों का आरोप है कि 10 मई को पेट्रोल छिड़ककर पेट्रोल पंप संचालक और अन्य साथियों ने रोहित को आग के हवाले किया था, जिसके बाद वह 15 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई करता रहा, लेकिन फिर भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई. उसके बाद उसने 25 तारीख को अपनी अंतिम सांस ले ली. इस घटना से दलित समाज में खासा रोष व्याप्त है और इसी रोज को प्रकट करते हुए समाज के पदाधिकारी और कार्यकर्ता लगातार अजमेर जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी पहुंच रहे हैं, जहां सैकड़ों की संख्या में सभी को पहुंचने की अपील की गई है.


पर मांग की गई है कि जब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती जांच अधिकारी को नहीं बदला जाता और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही मुआवजा, नौकरी को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जाएगा, तब तक समाज के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मोर्चरी के बाहर ही डटे रहेंगे. 


अजमेर नगर निगम के पूर्व महापौर ने बताया कि राज्य सरकार और प्रशासन दलित समाज के साथ कुठाराघात कर रहा है और उन्हें राहत प्रदान करने के बजाय उकसाया जा रहा है, जिसके खिलाफ अब सभी लामबंद है और जल्द ही दलित समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्य अजमेर जेएलएन अस्पताल मोर्चरी पहुंचेंगे. दोपहर तक सबको यहां पहुंचने का आह्वान किया गया है अगर जब तक कोई सुनवाई नहीं होती है तो फिर इस मामले को आंदोलन का रूप दिया जाएगा और अगर इस बीच कुछ भी होता है तो उसका जिम्मेदार जिला प्रशासन और सरकार होगी....


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