Beawar, Ajmer News: इसे भगवान की नियती कहे या फिर क्रूरता कि एक-एक महीने के अंतराल में मां-बाप की मौत होने के बाद अब विदेश कमाने गए बेटे की भी मौत हो गई. विदेश में सड़क हादसे में हुई इकलौते कमाऊ बेटे की मौत के बाद परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया और तीन मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया.


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उधर 31 अक्टूबर को हुई मौत के 5 दिन बाद भी अब तक शव घर पर नहीं पहुंचने पर पत्नी, तीन मासूम बच्चों और ग्रामीणों का आंखे पथरा गई है. खबर शहर के निकटवर्ती ग्राम पाखरियावास गांव की है, यहां का 30 वर्षीय सुलेमान पुत्र रेशमा सउदी अरब के रियाद में मजदूरी करने गया हुआ था. 



बताया जा रहा कि 31 अक्टूबर को ताइफ रियाद रोड पर एक सड़क हादसे में सुलेमान की मौत हो गई. मामले का दु:खद पहलू यह है कि इसी साल 25 सितबंर को मृतक सूलेमान के पिता रेशमा की मौत हो गई थी. वहीं, ठीक एक महीने बाद 25 अक्टूबर को कुंए में गिरने से सुलेमान की मां अहमदी की मौत हो गई.



माता-पिता की मौत को गम को भूलाकर सुलेमान घर पर पत्नी हमीदा, पुत्री 5 वर्षीय सोफिया, बेटे 3 वर्षीय सिराज और 2 वर्षीय बेटी साजिया को छोड़कर सऊदी अरब कमाने के लिए चलाया गया. इस दौरान 31 अक्टूबर को उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई. 



सुलेमान की मौत की खबर सुनकर पत्नी हमीदा सहित तीनों मासूम बच्चों को रो-रोकर हाल बुरे है. पत्नी और मासूम बच्चों के सामने आर्थिक संकट खडा हो गया है. उधर मृतक सुलेमान के शव को सरकारी प्रक्रिया के तहत भारत लाने के प्रयास किए जा रहे है.



जानकारी मिली है कि रियाद में काम कर रहे पाखरियावास के अन्य लोग भी सुलेमान को शव को भारत लाने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं. पाखरियावास सरपंच हुसैन काठात ने सुलेमान की मौत पर गहरा दु:ख प्रकट करते हुए स्थानीय प्रशासन से भी मृतक के शव को भारत लाने और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की मदद करने की अपील की है.