Ajmer News: अजमेर शरीफ दरगाह के खादिमों का वक्फ बिल पर बड़ा बयान, सरवर चिश्ती बोले- बिल लाकर मुसलमानों की...
Ajmer News: अजमेर में स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में खादिमों की संस्था ने वक्फ संशोधन एक्ट की निंदा करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा. अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने गुरुवार को अजमेर में एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों की नियुक्ति की अनुमति देने वाले प्रावधान पर गहरी चिंता व्यक्त की.
Ajmer News: राजस्थान के अजमेर में स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में खादिमों की संस्था ने वक्फ संशोधन एक्ट की निंदा करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा.
गुरुवार को प्रेस वार्ता करते हुए अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि हम इस वक्फ संशोधन एक्ट की निंदा करते हैं. अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने गुरुवार को अजमेर में एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों की नियुक्ति की अनुमति देने वाले प्रावधान पर गहरी चिंता व्यक्त की.
अंजुमन के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि भारत के अंदर पिछले कुछ साल से ऐसा सिस्टम चलाया जा रहा है, जिसके जरिए मुसलमान और इस्लाम के प्रति नफरत फैलाई जा रही है. कभी लव जिहाद, लैंड जिहाद, यूपीएससी जिहाद तो कभी हमारे प्रोफेट की शान में गुस्ताखी हो रही है.
मदरसे और मस्जिद शहीद की जा रही है, जो कि नाकाबिले बर्दाश्त हो गई है. सरवर ने कहा कि पिछले 10 साल में एंटी मुस्लिम एक्ट और एंटी मुस्लिम ऑर्डिनेंस पास किया जा रहा है और हमारे मुस्लिम समाज के मीर जाफर व मीर सादिक इसकी हिमायत कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा के अलायन्स पार्टनर और विपक्ष की वजह से यह जेपीसी में गया. नहीं तो यह जिस तरह से NRC को लाकर हमारी नागरिकता छीनना चाहते थे, ठीक उसी तरह से यह वक्फ संशोधन बिल लाकर हम मुसलमानों की संपत्ति छीनना चाहते हैं.
अंजुमन के सचिव ने कहा कि पहले से ओकाफ में जितने भी वक्फ बोर्ड हैं, उनको सरकार चलाती है. चाहे वह सेंट्रल वक्फ काउंसिल हो या स्टेट वक्फ हो. इसमें लाभ पहुंचाने के लिए करप्ट मुस्लिम राजनीतिक लोगों का नॉमिनेशन किया जाता है. इसी कारण वक्फ की संपत्ति खुर्द हो रही है. ये बात गलत है कि उन्होंने अपने सरकार की जमीन पर कब्जा किया है, बल्कि हकीकत यह है कि हुकूमत के दफ्तर वक्फ की जायदाद पर हैं.
अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने इसे अपनी धार्मिक संपत्तियों की रक्षा करने के मौलिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा बताया है. अजमेर में खादिमों की संस्था अंजुमन मोइनिया फकरिया खुद्दाम-ए-ख्वाजा कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने इसे मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताया है.
अंजुमन के सचिव चिश्ती ने तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड इस्लामी सिद्धांतों द्वारा शासित धार्मिक निकाय है. गैर मुस्लिम सदस्यों और नेतृत्व को शामिल करने से इन संस्थाओं की धार्मिक अखंडता और स्वायत्तता से समझौता होगा. उन्होंने कहा कि अंजुमन चेतावनी देता है कि इससे वास्तविक वक्फ संपत्तियों को दरकिनार या विवादित किया जा सकता है, जिससे उनके धार्मिक और धर्मार्थ कार्यों में बांधा पैदा हो सकती है.
वक्फ विधेयक को कुछ मुस्लिम निकायों द्वारा दिए गए समर्थन पर इन्हें सैयद सरवर चिश्ती ने भारतीय जनता पार्टी का समर्थक बताया. चिश्ती ने इन समर्थकों पर मीर जाफर होने का आरोप भी लगाया, जिन्होंने तीन तलाक और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) जैसे मुस्लिम विरोधी बिलों का समर्थन किया है. साथ ही चेतावनी दी कि समुदाय उनके साथ इसी तरह का व्यवहार करेगा.
इस विधेयक की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के बारे में सरवर चिश्ती ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को विधेयक के खिलाफ लड़ने के लिए केवल AIAIA प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भरोसा है. हमारे धर्म से जुड़े मामलों में कांग्रेस जैसी अन्य पार्टियों पर हमारा भरोसा बहुत पहले ही खत्म हो चुका है.
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