Ajmer News: तीर्थ नगरी कर के निकटवर्ती अरावली पहाड़ी क्षेत्र में पैंथर का मूवमेंट लगातार देखा जा रहा है. हाल ही में निकटवर्ती गांव नेडलिया(माधोपुरा) में पैंथर ने 8 दिनों के अंतराल में 14 बकरियों का शिकार कर मौत के घाट उतार दिया था. जिसके बाद से ही वन विभाग अलर्ट मोड़ में नजर आ रहा है. वन कर्मियों द्वारा क्षेत्र में पिंजरे लगाकर रात्रि गश्त की जा रही है.


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अब इन वन कर्मियों को वन्य जीवों के साथ साथ क्षेत्र में सक्रिय खनन माफियाओं का सामना करना पड़ रहा. ऐसी ही एक घटना रविवार देर रात सामने आई. पैंथर की तलाश में गश्त कर रही वन विभाग की टीम को खनन माफियाओ ने लाठी डंडो से चोटिल कर दिया. टीम के सदस्यों पहाड़ी क्षेत्र से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी. वही टीम के एक सदस्य को 40 से अधिक महिला पुरुषों ने लाठी डंडो के जोर पर बंधक बना लिया.


कानस में हुई वन विभाग के साथ मारपीठ और बंधक बनाने की घटना



पुष्कर के निकटवर्ती गांव नेडलिया और कानस के अरावली पहाड़ी क्षेत्र में टीम द्वारा दो पिंजरे लगाकर और रात्रि के दौरान गश्त कर पेंथर को पकड़ने के प्रयास किये जा रहे है. वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी नरेंद्र चौधरी ने बताया की रविवार देर रात कानस के पहाड़ी क्षेत्र में वन विभाग टीम को खनन गतिविधियां दिखी. टीम के पास जाते ही खनन माफियाओं ने टॉर्च से इशारा कर करीब 40 महिला पुरुषों को मौके पर बुला लिया. इस दौरान करीब 30-40 महिलाओं और पुरुषों द्वारा सामूहिक रूप से लाठियों एवं कुल्हाड़ियों से हमला कर दिया. विभाग के दो कर्मचरियो ने पहाड़ी से भागकर अपनी जान बचाई. जिसमे वन कर्मी भंवर सिंह को चोट भी आई है तो वहीं वनरक्षक हनुमान सिंह को खनन माफिया के सहयोग में आये लोगो ने बंधक बना लिया. जिसकी सुचना चौकी इंचार्ज जितेंद्र भड़ाना ने अजमेर टीम और पुष्कर पुलिस को दी. सुचना पर पहुंची पुलिस ने समझाईश कर वन कर्मी को छुड़वाया.


हमलावरों की पहचान कर, विभाग दर्ज करवाएगा मुकदमा



क्षेत्रीय वन अधिकारी नरेंद्र चौधरी ने बताया की देर रात हुई घटना के बाद उच्च अधिकारियों से दिशा निर्देश लेकर हमलावर और खनन में काम लिए गए. ट्रैक्टर की पहचान के प्रयास किये जा रहे है. जिसके बाद वन विभाग और पुष्कर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया जायेगा. वहीं दूसरी और पुष्कर थाना प्रभारी डॉ रविश कुमार सामरिया ने बताया की रात्रि में हुई घटना के बाद सुचना पर पुष्कर पुलिस मौके पर गई थी. फिलहाल विभाग द्वारा थाने में किसी प्रकार की शिकायत है दर्ज करवाई गई है.


वन विभाग को भी है खनन माफिया का खौफ


देर रात हुई घटना के बाद घंटो बीत जाने के बावजूद भी विभाग के अधिकारि अब तक मामला दर्ज करने से परहेज कर रहे है. वन विभाग के क्षेत्रीय वन अधिकारी नरेंद्र चौधरी बताते है की खनन माफिया का नेटवर्क बेहद मजबूत है. वन्य क्षेत्र में खनन की सुचना मिलते ही विभाग की टीम जब भी कार्यवाही के लिए निकलती है. तो इसके पूर्व ही इन खनन माफियाओं को इसकी सुचना लग जाती है. सरकारी वाहनों के नंबर को व्हाट्सअप ग्रुप के जरिये सर्क्युलेट किया जाता है. इन्ही ग्रुप में विभाग के लोगों की गतिविधियों की सुचना दी जाते है. कई बार विभाग की टीम द्वारा इन्हे पकड़ने की कोशिश भी की गई, पर उल्टा इन माफियाओं द्वारा वनकर्मियों को कुचलने का प्रयास भी किया जा चुका है.


पुष्कर की पहाड़ियों को नोच कर बदरंग करने में जुटा खनन माफिया



भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सन 2018 में एक मामले के दौरान राजस्थान की सरकार से पूछा कि राजस्थान में अचानक कहां गायब हो गई 31 पहाड़ियां ? जिसके बाद कोर्ट ने अपना तख्त लहजा इस्तेमाल करते हुए सरकार से 48 घंटे में तमाम खदान और खनन रोकने को कहा था. बावजूद इसके आज तक अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है. खनन माफिया अरावली की पहाड़ियों का सीना चीर इस प्राकृतिक संपदा को बदरंग करने में लगे हैं.


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इसी का एक उदाहरण तीर्थ नगरी पुष्कर की अरावली पर्वतमाला की श्रंखला नाग पहाड़ पर देखने को मिल रहा है. जहां दिन और रात लगातार अवैध खनन का सिलसिला जारी है. पुष्कर के खड़ी-खड़ी रोड स्थित पहाड़ी और पुरोहिता पहाड़ी, कानस का हाल तो और भी खराब है. जहां खनन माफिया धड़ल्ले से प्राकृतिक संपदा को अवैध तरीके से नोच रहे हैं. यह सब तब हो रहा है जब जिला पुलिस कप्तान चुनाराम जाट ने खनन माफिया के खिलाफ हाल ही में व्यापक कार्यवाही को अंजाम दिया था.