Ajmer: अजमेर के नसीराबाद में नांदला स्कूल प्रधानाध्यापिका की कार्यप्रणाली से नाराज विद्यार्थियों ने स्कूल पर लगाया ताला. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नांदल में गुरुवार की सुबह स्कूल खुलते ही छात्र छात्राओं ने संस्था प्रधान कमलेश जांगिड़ के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते हुए, मुख्य द्वार पर ताला लटका दिया और किसी को भी स्कूल में घुसने नहीं दिया. सरपंच मानसिंह रावत एवं सदर पुलिस थाना प्रभारी मुस्ताक हुसैन व एएसआई शंकर सिंह को जानकारी मिलते ही स्कूल पहुंचे और उन्होंने छात्र छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र नहीं माने. 


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मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा इस स्कूल की संस्था प्रधान कमलेश गुर्जर को तुरंत प्रभाव से, स्कूल से रिलीव करके अलीपुरा में अग्रिम आदेश तक पदभार ग्रहण करने के आदेश जारी करने के बाद विद्यार्थियों ने स्कूल के मुख्य द्वार का ताला खोला और अपनी अपनी कक्षाओं में पहुंचे. मौके पर छात्र-छात्राओं में संस्था प्रधान की कार्यप्रणाली को लेकर इतना अधिक आक्रोश था कि लगभग प्रत्येक विद्यार्थी उन पर आक्रोश व्यक्त करते हुए आरोपों की बरसात कर रहा था. कई विद्यार्थियों ने उन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की.


छात्र-छात्राओं ने बताया कि उनके गेम्स का पैसा भी रख लिया गया और उन्हें स्कूल में फल भी वितरित नहीं किए गए. बीते एक सप्ताह से विद्यालय में आक्रोश की चिंगारियां लपटों में तब्दील होने के बाद पहली बार सोमवार को फल वितरित किए गए, इतना ही नहीं बल्कि वाटर कूलर को भी विरोध बढ़ने के बाद अब लगाया गया है. छात्र-छात्राओं ने बताया कि सरकार विद्यार्थियों को खेलने के लिए प्रेरित करती है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानाध्यापिका खेलने के लिए मना करती है. शारीरिक शिक्षिका आरती सेन छात्र छात्राओं को खेलने के लिए प्रेरित करती है तो, उनसे भी विवाद करने लगती है.


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विडंबना की पराकाष्ठा तो उस समय पार कर गई जब स्कूल के विद्यार्थियों ने शारीरिक शिक्षिका आरती सेन को जानकारी दी कि प्रधानाध्यापिका के पति अपने तीन चार अन्य साथियों के साथ गांव में आए थे और कुछ ग्रामवासियों को लालच देकर शारीरिक शिक्षिका आरती सेन पर हमला करने की योजना तैयार की गई है. विद्यार्थियों ने खुली आवाज में बताया कि उनके घर आकर धमकी दी गई कि प्रधानाध्यापिका कमलेश के विरुद्ध एक भी शब्द कहा गया तो परिणाम गंभीर होंगे. इस की घटना की सूचना स्कूल के सभी विद्यार्थियों में आग की तरह फैल गई और विद्यार्थियों ने प्रधानाध्यापिका के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया. आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने प्रधानाध्यापिका को इस स्कूल से नहीं हटाने तक स्कूल में घुसने से स्पष्ट शब्दों में मना कर दिया. जिसके चलते शिक्षा अधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से संस्था प्रधान को इस स्कूल से हटाकर अलीपुरा स्कूल पहुंचने के आदेश दिए.


प्रधानाध्यापिका कमलेश के समर्थन में कुछ ग्रामवासी स्कूल परिसर में पहुंचे और उन्होंने प्रधानाध्यापिका का समर्थन किया तो, विद्यार्थियों ने उन्हें भी स्पष्ट शब्दों में बताया कि इस स्कूल में ग्रामवासी नहीं बल्कि छात्र-छात्राएं रहते है और वास्तविकता का ग्रामवासियों को नहीं बल्कि छात्र छात्राओं को आभास है. 


इस संदर्भ में प्रधानाध्यापिका कमलेश जांगिड़ से चर्चा करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि वह मानसिक रूप से कुछ भी कहने में असमर्थ हैं.


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