ब्यावरः दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन का शुभारंभ, शिक्षकों के स्थानांतरण का उठा मुद्दा
Beawar News: शिक्षा और शिक्षकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर हर साल आयोजित होने वाले दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन का शुरू हो चुका है . इसी कड़ी में राजस्थान शिक्षक संघ केब्यावर राष्ट्रीय जिला शाखा का दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन का उद्घाटन मंगलवार को हुआ.
Beawar News: शिक्षा और शिक्षकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर हर साल आयोजित होने वाले दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन का शुरू हो चुका है . इसी कड़ी में राजस्थान शिक्षक संघ के ब्यावर राष्ट्रीय जिला शाखा का दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन का उद्घाटन मंगलवार को हुआ. इस समारोह में प्रदेश उपाध्यक्ष भंवर सिंह राठौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की.
कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि रामनारायण तर्क, प्रधानाचार्य नरेंद्र सोनी, सुरेंद्र लाल माथुर, कविता मौर्य, अंजना आद्रा, दिलीप कुमार मीणा, भगवान सहाय झारोडिया, अर्जुन सिंह केन के रूप में मौजूद रहे. सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष धन्ना सिंह रावत ने विभिन्न मांगो पर बल दिया जो इस प्रकार है,
शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य से छुटकारा
राजस्थान में 90 बी एल ओ का कार्य शिक्षक कर रहे है. इससे शिक्षण कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार से मांग कर रही है कि बीएलओ की नई भर्ती की जाये अथवा पंचायत सहायक को बीएलओ बनाया जाए.
जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन में कुछ प्रस्ताव सर्वसम्मति से लिए गए है जिसमें मिड डे मील में कुक कम हेल्पर की राशि 6 हजार महीना करना, कुकिंग कन्वर्जन की राशि का भुगतान , जो 4 माहीने से शेष है.
पंचायत सहायक पिछले 4 वर्षों से दो सौ रूपये प्रति दिन के वेतन पर काम कर रहा उसे नियमित करना. उनका वेतन 21 हजार रुपए प्रति माह किया जाए.
प्रधानाचार्य से वरिष्ठ अध्यापक तक की डीपीसी तुरंत
राजस्थान में लगभग सात हजार प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं. इससे शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ा रही है. डीपीसी होने के बाद भी प्रधानाचार्य की काउंसलिंग अभी तक नहीं हुई है. संगठन तुरंत काउंसलिंग की मांग करता है.
विद्यालयों में सहायक कर्मचारियों की भर्ती तुरंत
पिछले 25 वर्षों से सहायक कर्मचारी की भर्ती नहीं होने विद्यालयों की व्यवस्था गड़बड़ा रही है. राजनीतिक स्थानांतरण बंद हो तृतीय श्रेणी के शिक्षकों का स्थानांतरण जल्दी प्रारंभ किए जाए. महात्मा गांधी विद्यालयों में से एपीओ किए हुए प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों की काउंसलिंग तुरंत की जाए तथा 55 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के शिक्षकों को 60 से अलग रखा जाए, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक बनाए गए विद्यालयों में सभी पद स्वीकृत कर नई भर्ती की जाए.
वरिष्ठ अध्यापकों के मंडल स्थानांतरण पर एवं अध्यापक के जिला बदलने पर वरिष्ठता को विलोपित नहीं कर वरिष्ठता यथावत रखी जाए. जिला सभाध्यक्ष राजेंद्र प्रजापति ने अपने उद्बोधन में राजस्थान सरकार के जरिए बालिका विद्यालयों को बंद कर महात्मा गांधी विद्यालय बनाने का विरोध प्रकट करते हुए पुनः बालिका विद्यालय खोलने की मांग की. कार्यक्रम में जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह चौहान, गुरुशरण गोयल ने भी संबोधित किया. मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष भंवर सिंह राठौड़ ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर संगठन राज्य सरकार से समय.समय पर वार्ता कर निवारण का प्रयास कर रहा है.
राजस्थान में सबसे बड़ा संगठन राष्ट्रीय शिक्षक संघ है. जो अध्यापकों की समस्याओं के लिए नहीं अपितु राष्ट्रहित समाज हित शिक्षक विद्यार्थी हित एवं सामाजिक सरोकार कार्य के लिए भी निरंतर कार्य कर रहा है.कार्यक्रम में ब्यावर मसूदा बड़ा खेड़ा जवाजा विजयनगर से मंगल सिंह रावत, विष्णु दत्त गोयल, पंकज शर्मा, सुरेश कुमार सारस्वत, नारायण लाल प्रजापति, गीता सोलंकी, शर्मिला त्रिपाठी, लक्ष्मण सिंह पायलट, मुकेश प्रजापति, नरेंद्र सिंह चौहान, प्रकाश सालवी, हरीश त्रिपाठी, प्रकाश प्रजापति, रीमा अरोड़ा, दिलीप सिंह, भगवान सिंह धनार सहित सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे. कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री रतन सिंह देवड़ा ने किया.
Reporter: Dilip Chouhan
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