RTH बिल का विरोध कर रहे सरकारी चिकित्सकों ने दिखाई मानवता, पूर्ण हड़ताल से किया इनकार, रोगियों का किया उपचार
Beawar news: राईट टू हेल्थ बिल के विरोध में नीजी चिकित्सालयों की हड़ताल के साथ-साथ सरकारी चिकित्सक भी आंदोलन कर रहे है.सरकारी चिकित्सकों ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करते हुए अस्पताल के सभी चिकित्सकों ने इमरजेंसी सेवाओं के साथ-साथ अन्य रोगियों का भी उपचार कर रहे है।
Beawar news: प्रदेश भर में राईट टू हेल्थ बिल के विरोध में नीजी चिकित्सालयों की हड़ताल के साथ विरोध प्रदर्शन जारी है लेकिन इसी के साथ-साथ सरकारी चिकित्सक भी आंदोलन कर रहे है.चिकित्सकों की और से किये जा रहे आंदोलन के तहत कैंडल मार्च तथा रैलियां निकाली गई. उधर आंदोलन के तेज करते हुए बुधवार को राज्य के सरकारी चिकित्सकों ने भी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था।
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उक्त निर्णय के तहत बुधवार को राज्यभर के करीब 15 हजार से अधिक चिकित्सक हड़ताल पर चले गए है.लेकिन धरती के भगवान कहलाये जाने वाले ब्यावर के सरकारी चिकित्सकों ने मानवता दिखाते हुए बुधवार को हड़ताल पर जाने के बजाये राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय पहुंचे तथा अपने-अपने ड्यूटी शेड्यूल के तहत अपनी सेवाएं दी।
इस दौरान चिकित्सकों ने आउटडोर के साथ-साथ विभिन्न वार्डों में भर्ती रोगियों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया.हालांकि नीजी चिकित्सालयों में बुधवार को भी हड़ताल रही.जिसके कारण राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय का आउडटोर बढ़ा रहा.इस दौरान अस्पताल के आउटडोर में रोगियों की लंबी कतारे लगी हुई दिखाई दी।
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अमृतकौर चिकित्सक संघ के सचिव डॉ. नरेश गोठवाल ने बताया कि प्रदेश के निर्णय के अनुसार बुधवार को सभी चिकित्सक सीएल पर रहने वाले थे लेकिन ब्यावर में कुछ साथी इस पर सहमत नहीं हुए.जिसके बाद पूर्व की भांति केवल 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करते हुए अस्पताल के सभी चिकित्सकों ने इमरजेंसी सेवाओं के साथ-साथ अन्य रोगियों का भी उपचार कर रहे है।
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REPORTER- DILIP CHOUHAN