Alwar: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए एनजीटी ने पूरे एनसीआर (NCR) में आदेश लागू करते हुए ईंट भट्टो पर रोक और निर्माण कार्यों सहित क्रेशरों पर भी रोक के आदेश पारित किए थे लेकिन अलवर के रामगढ़ में जिम्मेदार विभागों की मिलीभगत के चलते रात के अंधेरे में क्रेशर चल रहे हैं. जो ना सिर्फ एनजीटी (NGT) द्वारा जारी निर्देशों को अंगूठा दिखा रहे हैं बल्कि आमजन की जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दिल्ली सहित आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा गठित सब कमेटी द्वारा ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत आदेश जारी करते हुए निर्माण कार्यों पर रोक, ईंट भट्टो सहित क्रेशरों को बंद करने के आदेश दिए हुए है. यहां तक कि सभी क्रेशरों पर लगे जनरेटरों को सील लगाने की कार्यवाही करने के लिए भी निर्देशित किया गया कि किसी भी तरह बढ़ते पॉल्यूशन को रोका जा सके लेकिन अलवर के रामगढ़ क्षेत्र के मांणकी जॉन में ऐसे अनेकों क्रेशर है जो रात के अंधेरे में चल रहे है. जबकि विभाग ने ललावंडी क्षेत्र में तो जनरेटरों पर सील तक लगा दी है लेकिन यहां पर किसी जनरेटर पर सील नही लगाई गई, मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं जिम्मेदार विभागों की अनदेखी या मिलीभगत के चलते यहां काला कारोबार रात के अंधेरे में चलता है.


यह भी पढ़ें - Jaipur: मेयर लगातार कर रही दौरे, फिर भी कचरा नहीं हो रहा कम


रामगढ़ थाना पुलिस हो या खनिज विभाग या फिर परिवहन विभाग सब आंखे बंद किए बैठे है. यहां हो रहे अवैध खनन के साथ ओवरलोड़ वाहनों पर भी परिवहन विभाग कभी नजर नहीं डालता. वहीं धडल्ले से चल रहे अवैध खनन के डंम्पर और क्रेशर बैन के बावजूद यहां से निकल है. साथ ही रोडियों के डंम्परो को जानबूझकर अनदेखा किया जाता है. इतना ही नहीं हरियाणा बॉर्डर के पास राजस्थान सीमा से लगते रामगढ़ के नॉगावा में भी चल रहे क्रेशर पर यही हाल बना हुआ है. पूरे क्षेत्र में यही हालात बने हुए है और जब रामगढ़ एसडीएम से इस संदर्भ में बात की तो अनजान से बने नजर आए उन्होंने कहा ऐसा है तो दिखवाते है, कार्यवाही करेंगे.