Pushkar: आगामी पुष्कर मेले का आयोजन 1 नवंबर से 28 नवंबर तक किया जाना प्रस्तावित है. जिसको लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा है. मेले के दौरान विभिन्न खेलकूद, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएंगे. जिसके लिए जिले के आला अधिकारी लगातार बैठक आयोजित कर रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुख्यमंत्री कर सकते हैं मेले में शिरकत


प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बार 1 नवम्बर को पुष्कर मेले के प्रशासनिक कैम्प का उद्घाटन सकते हैं. साथ ही पुष्कर को बहुप्रतीक्षित ब्रह्मा मंदिर के एंट्री प्लाजा और रेम्प की सौगात भी दे सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री 1 नवम्बर 4 बजे प्रशासनिक कैम्प का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद आरटीडीसी की और से पर्यटकों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का उद्घाटन करेंगे. यहां से जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करेंगे और एंट्री प्लाजा ,रेम्प की सौगात देंगे. ब्रह्मा घाट पर पवित्र सरोवर की पूजा अर्चना कर महाआरती में भाग लेंगे.


जिला कलेक्टर और पुलिस कप्तान ने लिया पुष्कर का जायजा


आज जिला कलेक्टर अंशदीप और जिला पुलिस कप्तान चुनाराम जाट ने जिस तरह पुष्कर के मेला स्टेडियम में झंडारोहण की तैयारियों का जायजा लिया. साथ ही सावित्री माता की तलहटी मे अस्थाई हेलीपैड,ब्रह्मा मंदिर,ब्रह्म घाट का का जायजा लिया. उससे मुख्यमंत्री के आने की संभावना काफी हद तक बढ़ गयी. प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुष्कर आगमन का कार्यक्रम प्रस्तावित है. जिसको लेकर प्रशासन पूर्व से तैयारियों में जुटा है.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार वे सबसे पहले मेला मैदान में झंडारोहण कर प्रशासनिक कैंप उद्घाटन करेंगे. उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में बने जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के नए एंट्री प्लाजा और रैंप का उद्घाटन करेंगे. शाम के समय सरोवर पर सवा लाख दीपको के बीच होने वाली महा आरती में शामिल होंगे.


प्रशासनिक दौरे के दौरान अधिकारी रहे उपस्थित


इस दौरान आईपीएस विकास सांगवान,वैभव शर्मा,उपखड़ अधिकारी सुखराम पिंडेल ,सीओ ग्रामीण इस्लाम खान,सीआओ रविश सामरिया, इओ बनवारीलाल मीणा सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहे.


यह भी पढ़ें..


1 नवंबर को राजस्थान आने वाले हैं पीएम मोदी, करेंगे कई बड़ी घोषणाएं


बैलों से खींचकर निकाली जाती है घास भैरू की सवारी, गांव में नहीं आती कोई बीमारी