Ajmer : बाल दिवस के मौके पर अजमेर रेलवे ने अपने इतिहास को प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया रेलवे कारखाने पर स्थित 1873 में निर्मित भारत के इंजन की प्रदर्शनी लगाने के साथ ही अलग-अलग उपकरण और धरोहर की प्रदर्शनी लगाई गई यह इंजन वर्ष 1873 में लंदन में बनाया गया था जिसके बाद इसे राजस्थान की राजपूताना मेरवाड़ा स्टेट को सौंप दिया गया था. खास बात यह है कि है इंजन डेट 100 साल के बाद भी आज तक चालू स्थिति में है जिसे आज बच्चों के लिए प्रदर्शनी के माध्यम से शुरू किया गया और किस तरह से यह चलता है इसकी जानकारी भी सभी बच्चों को दी गई जिसे देखकर बच्चे भी काफी खुश हुए.


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अजमेर रेल कारखाना समूह की ओर से भाप प्रदर्शनी का आयोजन लाल फाटक के समीप स्थित लोको कारखाना में किया गया . इस दौरान वर्ष 1873 में निर्मित भाप इंजन का लाइव प्रदर्शन, 150 वर्ष से अधिक पुराने अजमेर कारखाना की फोटो प्रदर्शनी और सेल्फी कॉर्नर प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण रहे. प्रदर्शनी में प्रवेश निःशुल्क रखा गया है. प्रदर्शनी का उद्देश्य आमजन को रेलवे कारखाने से संबंधित विशिष्ट जानकारी लाइव डेमो तथा फोटोग्राफ के माध्यम से देना है.


प्रदर्शनी में लाइव डेमो के लिए रखा गया रेल इंजन वर्ष 1873 में शंटिग लिए भारत में प्रथम आयातित मीटर गेज शंटिग इंजन है. यह लोको लोवर गंगा केनाल के निर्माण कार्य में भी काम में लिया गया. इसे इंडियन स्टेट रेलवे द्वारा सन 1879 में राजपुताना स्टेट रेलवे सौंपा गया. सन 1885 में यह लोको कैरिज एण्ड वैगन विभाग की सम्पत्ति बना. इस लोको ने लगभग 100 वर्ष शंटिंग का कार्य किया. ऐसी कई महत्वपूर्ण व रोचक जानकारियां लाइव डेमो के दौरान आमजन को उपलब्ध कराई गई. प्रदर्शनी देखने आए बच्चों को रेलवे की ऐतिहासिक धरोहर देखकर काफी खुशी हुई और उन्होंने 2 साल पुराने इंजन को चलते हुए देखा और उसका आनंद भी उठाया लेकिन बच्चों का कहना है कि इस इंजन को वह पटरी ऊपर चलता हुआ देखते तो और ज्यादा खुशी होती.


Report- Ashok Bhati


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