दिल्ली/ चूरू:  राजस्थान चूरू से सांसद राहुल कस्वां ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. इस दौरान सांसद ने केंद्रीय मंत्री से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के सम्बन्ध समेत अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. राहुल कांस्वा ने कहा कि सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, तय समय में बीमित किसान को उनका भुगतान नहीं मिलने पर सम्बन्धित बीमा कंपनी से 12 प्रतिशत ब्याज भी देय होगा. इसलिए बीमा कम्पनी को किसानों को बीमा क्लेम जल्द दिलवाया जाए.


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नोहर विधानसभा में रबी 2019-20 में करीब 300 करोड़ रु का बीमा क्लेम जारी किया गया था, जिसमें 9000 ऐसे किसान जिनको ओलावृष्टि की वजह से व्यक्तिगत नुकसान का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा आपत्ति लगाते हुए आज दिन तक जारी नहीं किया गया है. इस वजह से किसानों में रोष है. इन वंचित किसानों को भी उनका बीमा क्लेम यथाशीघ्र सम्बन्धित बीमा कम्पनी से दिलवाया जाए.


एलोविरा की खेती करने वाले किसानों को हो रहा आर्थिक नुकसान


सांसद कस्वां ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि चूरू लोकसभा क्षेत्र के किसान नवाचार करते हुए एलोविरा की खेती कर रहे हैं, लेकिन एलोवीरा की खेती, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल नहीं होने के कारण किसानों को कई बार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. एलोवीरा की खेती को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल कर इन किसानों को आर्थिक रूप से सुरक्षित किया जाना सार्थक कदम होगा .


साथ ही सांसद कस्वां ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बैंकों द्वारा गलत डाटा अपलोड करने के कारण लोकसभा क्षेत्र में करीब 50 हजार से अधिक किसान ऐसे हैं, जिनको वर्ष 2017 से आज दिन तक बीमा क्लेम का लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि विगत दिनों आपको एक पैन ड्राइव में 2017 से रबी 2021 तक बैंकों द्वारा गलत डाटा एंट्री किए जाने के कारण वंचित रहे किसानों का डाटा सौंपा था. गलत पटवार मंडल या अन्य डाटा सम्बन्धी गड़बड़ियों के चलते लोकसभा क्षेत्र में इस योजना के लाभ से वंचित रहे इन 50 हजार से अधिक किसानों के लिये एक विशेष कैंप लगाकर, पोर्टल को पुन: खोला जाए.


पीएम फसल बीमा में छोटी-छोटी समस्याओं की वजह से हो रही परेशानी


भाजपा सांसद राहुल कास्वां ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में छोटी-छोटी कमियों के चलते अनेकों किसानों को बीमा क्लेम से वंचित या बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है. पंजाब नेशनल बैंक व ऑरियण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स के एकीकरण के चलते IFSC कोड बदलने से किसानों को बीमा क्लेम का भुगतान करने में दिक्कतें आ रही हैं जिनको यथाशीघ्र दूर किया जाना नितांत आवश्यक है. इसी प्रकार बीमित किसान के निधन होने के बाद भी उनके परिजनों को बीमा क्लेम लेने में समस्या आ रही है. इस स्थिति में अधिकांशतया बीमा कम्पनी द्वारा बीमित किसान के परिवार को बीमा क्लेम देने से मना कर दिया जाता है, जो किसान के हित्त में नहीं है. इसलिए बीमित किसान की मृत्यु उपरांत के सभी दावों को एक साथ शामिल कर बीमा क्लेम का लाभ दिलवाने की मांग की.