Ajmer News: प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज एक दिवसीय दौरे पर अजमेर पहुंचे. महंगाई राहत कैंप का अवलोकन करते हुए लाभार्थियों से संवाद करते हुए योजना के गारंटी कार्ड भी वितरित किए गए. मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि इस योजना का लाभ हर आम गरीब जनता को मिले इस उद्देश्य से यह योजना संचालित की गई है और वह यह चाहते हैं कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और प्रशासनिक अधिकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजनाओं का लाभ देने में अपनी अहम भूमिका निभाई.


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उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को महंगाई राहत केंद्र के माध्यम से ही 10 योजनाओं का लाभ मिल सकता है लेकिन फिर भी जानकारी के अभाव में वह 465 योजनाओं का लाभ उठा पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे कई स्थान है जहां पर लाभार्थियों से बातचीत करते हुए मालूम हुआ कि योजनाओं का लाभ उन्हें ज्यादा मिल सकता है लेकिन किन्हीं कारणों के चलते नहीं दिया गया है. ऐसे में शीतलता भरते हुए उन्हें राहत प्रदान की जानी चाहिए. साथियों ने बताया कि केवल 10 योजनाओं के माध्यम से ही महंगाई से राहत नहीं दी जा रही बल्कि और भी कई योजनाएं हैं जिसका लाभ आम जनता उठा सकती है.


राजस्थान प्रदेश योजनाओं के लाभ देने में मॉडल स्टेट साबित हुआ है. 25,00000 का बीमा हो या फिर शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र में फ्री बिजली जनता के लिए फायदेमंद है लाभार्थियों को ₹1000 कम से कम पेंशन दी जा रही है. वहीं राइट टू हेल्प सहित अलग-अलग बिल भी सरकार लेकर आई है. सहायता विद्यालय अजमेर पहुंचे मुख्यमंत्री जब मंच पर पहुंचे तब माइक की समस्या उत्पन्न हो गई.


इसके बाद 252 करोड़ से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई एलिवेटेड रोड का लोकार्पण कर सौगात दी. एलीवेटेड रोड से शहर के यातायात की समस्या से लोगों को निजात मिल जाएगी. इसके बाद गारन्टी कार्ड का वितरण भी किया. आम जनता से संवाद कर उनकी समस्या सुनी.


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उन्होंने कहा कि अजमेर में पहले मीटिंग नहीं हो रही थी और अब मीटिंग सही से होने लगी तो माइक खराब हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अजमेर की जनता इतनी देर होने के बावजूद रही इसके लिए धन्यवाद दिया. सभी योजनाओं का लाभ मिले उसका प्रयास किया जाना चाहिए.


राजस्थान बम ब्लास्ट को लेकर कांग्रेस पर लगाए गए आरोप पर सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अगर ऐसा बोलते है तो समझ सकते हो कि राजनीति किस दिशा में और कहां जा रही है. इनकी सरकार के कार्यकाल में सीरियल ब्लास्ट हुआ इनके शासन में ही जांच हुई. हमारे शासन में मौत की सजा मिली. अरेस्ट किया और हाईकोर्ट ने टेक्निकल कारण से छोड़ दिया तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. ऐसे सेसेंटिव मामलों में अगर प्रधानमंत्री मोदी बोलते है तो लोगों और समाज में अच्छा मैसेज नहीं जाएगा, उल्टा कंफ्यूजन होगा.