PFI पर बैन पर कांग्रेस सांसद की RSS को बैन करने की मांग, अजमेर दहगाह के दीवान बोलें-ये 5 साल पहले ही हो जाना चाहिए था
केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध और कई आतंकी मामलों में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि की पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया है.
Ajmer : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों को 5 साल के लिए बैन कर दिया है. जिसके बाद केरल से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है और कहा है कि पीएफआई पर बैन लगाना कोई उपाय नहीं है. आपको बता दें कि टेरर कनेक्शन को लेकर पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए और ईडी ने छापेमारी की थी.
मामले को लेकर अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन का बयान सामने आया है. दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए, उन्होंने कहा कि पीएफआई पर बैन काबिले तारीफ है, ये बैन 5 साल पहले ही लगा दिया जाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि लगातार ये बात सामने आ रही थी, कि पीएफआई देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त है, लेकिन केंद्र सरकार ने पूरी सतर्कता बरतते हुए पूरी जांच करवाई और जब मामले की सच्चाई सामने आई है तब जाकर पीएफआई को बैन किया है.
दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने कहा कि आज का समय ऐसा है जब देश के युवाओं को पीएफआई जैसे देश विरोधी संगठनों से दूर रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें अल्लाह के बताए मार्ग पर चलना है, लेकिन पीएफआई जैसे संगठन देश के युवाओं को भड़काने का काम करते हैं. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन इससे पहले भी कई बार इस तरह के राष्ट्र विरोधी संगठनों के खिलाफ खुलकर बयान जारी किए हैं.
गौरतलब है कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के बाहर सर तन से जुदा नारे लगने के बाद भी दरगाह दीवान ने खुलकर इस तरह की गतिविधियों का विरोध किया था और उसी समय ये बात भी सामने आई थी, कि दरगाह से जुड़े कुछ खाते पीएफआई के सक्रिय सहयोगी के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हैं.
इसी दौरान कुछ फोटो भी वायरल हुई. जिनमें दरगाह में पीएफआई की मौजूदगी साफ तौर पर देखी जा सकती थी. इस फोटो में साफ तौर पर दरगाह में पीएफआई की एक बैठक के दौरान पीएफआई के कुछ आला पदाधिकारी मौजूद थे. उल्लेखनीय है कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन एक धर्म गुरु के रूप में अपना एक व्यापक असर रखते हैं और ऐसे में जब पीएफआई को बैन किया गया है और कुछ लोग पीएफआई के समर्थन में आ रहे हैं पीएफआई के खिलाफ उनका ये बयान कहीं ना कहीं महत्वपूर्ण हो जाता है.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध और कई आतंकी मामलों में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि की पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया है. पीएफआई के अलावा उसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है.