कोरोना की तीसरी लहर के चलते औद्योगिक नगरी में बढ़ी मास्क की Demand, कम हो रही सप्लाई
देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) की एंट्री के साथ फिर से कोरोना ने आमजन को चिंतित कर दिया है.
Bhilwara: देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) की एंट्री के साथ फिर से कोरोना ने आमजन को चिंतित कर दिया है, ऐसे में वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के साथ-साथ मास्क पहनने की ओर जागरूकता आई है और मास्क अब हमारी जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है.
टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा (Bhilwara News) के कपड़ा व्यापारियों ने सर्जिकल और कपड़े के मास्क बनाना शुरू कर दिया गया है. मास्क (Mask) जब हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हो गए हैं तो धीरे-धीरे यह ट्रेंड अब फैशन स्टेटस भी बनता जा रहा है. भीलवाड़ा में अभी प्रतिदिन तीन से चार लाख मास्क बन रहे हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई किए जा रहे हैं.
हालांकि डिमांड सात से आठ लाख मास्क प्रतिदिन की आ रही है. कोरोना (Corona) की तीसरी लहर के कारण अब सभी जगह फिर से मास्क अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में डिमांड लगातार बढ़ती ही जा रही है. व्यापारियों ने इसे बनाने की स्पीड भी दोगुनी कर दी है और इसकी सप्लाई समय पर पूरी हो सके इसके लिए भरसक प्रयास भी किए जा रहे हैं. भीलवाड़ा के व्यापारी राजकुमार जैन (Rajkumar Jain) का कहना है कि वह प्रतिदिन 50 से 60 हजार सर्जिकल मास्क बना रहे हैं वहीं प्रतिदिन एक लाख की डिमांड आ रही है.
बता दें कि भीलवाड़ा में कई कपड़ा फैक्ट्रियां ऐसी है, जो अलग-अलग कलर में मास्क बना रही हैं. कई राज्यों के साथ-साथ मास्क की डिमांड प्रदेश में भी बढ़ने लगी है. अब शादी समारोह में स्टाइलिस्ट दिखने वाले, कपड़े से मैच करने वाले मास्क पहने जाने लगे हैं. सुरक्षा के साथ-साथ यहां उन्हें अच्छा लुक देने के लिए अलग-अलग डिजाइनओं में मास्क तैयार किए जा रहे है. शहर में कई तरह के रंग-बिरंगे मास्क बनाए जा रहे है, जिसमें प्रिंट, मधुबनी, सिल्क, खादी, कोटन और अन्य ब्रांडेड मास्क मिल रहे हैं.
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व्यापारी बताते हैं कि हर आयु वर्ग के लिए तरह-तरह के फेस मास्क मिल रहे हैं. बच्चों के लिए छोटा भीम, डोरेमोन जैसे कार्टून कैरेक्टर बने मास्क तो वहीं बुजुर्गों के लिए स्ट्रांग मास्क बहुत ही आरामदायक हैं. मॉल से लेकर दुकानों में अब कपड़ों के साथ मैचिंग मास्क मिलने लगे हैं. साड़ी, कुर्ती और शर्ट के साथ मैचिंग मास्क लोगों को काफी पसंद भी आ रहे हैं. कपड़ा उद्यमी चेतन मारू बताते हैं कि जो मास्क कपड़ों के साथ दे रहे हैं, वह कार्बन-डाई कोटन के बने हुए हैं. यह स्कीन फ्रेंडली भी है और इससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता और साथ ही मास्क मानक के अनुरूप बनाए जा रहे हैं.
औद्योगिक नगरी भीलवाड़ा में फैब्रिक्स और शार्टिंग के परंपरागत उद्योग के बीच अब मेडिकल एंड हेल्थ क्षेत्र में काम आने वाले रेडीमेड गारमेंट की मांग ने भीलवाड़ा के उद्योगपतियों को एक नई राह दिखाई है जिसमें मास्क, पीपीई किट सहित अन्य सर्जिकल उत्पादों की बिक्री भी बढ़ गई है.