ब्यावर: प्रदेशभर में आमजन के साथ ही काश्तकार भी मानसून का इंतजार कर रहे हैं. मानसून शुरू होते ही काश्तकार अपने खेतों में फसलों की बुवाई में जुट जाएंगे. प्रदेश के काश्तकार मानसूनी बारिश पर ही पूरी तरह से निर्भर रहते हैं, इसलिए काश्तकारों द्वारा भी फसलों की बुवाई की तैयारियां पूरी कर ली गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इसके साथ ही अजमेर में स्थानीय क्रय-विक्रय सहकारी समिति ने भी मानसून की तैयारियां शुरु कर दी हैं. समिति के गोदाम में काश्तकारों के लिए यूरिया और डीएपी खाद का स्टॉक रखना शुरु कर दिया है. फिलहाल समिति के गोदाम में यूरिया के 300 और डीएपी के 1750 कट्टे उपलब्ध हैं. जिन्हें काश्तकारों को रियायती दर पर दिया जा रहा है.


क्रय-विक्रय समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि हालांकि अभी तक बारिश शुरु नहीं हुई है. इसके बावजूद भी काश्तकारों द्वारा डीएपी और यूरिया के कट्टे ले जाने का सिलसिला शुरु हो गया है. उन्होंने बताया कि शहर के आसपास के कई गांवों के काश्तकार समिति में यूरिया व डीएपी के कट्टे लेने आते हैं. इसलिए समिति द्वारा उच्चाधिकारियों को और अधिक कट्टे भिजवाने की मांग की गई है.


समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि काश्तकारों के लिए पांच हजार कट्टों की डिमांड की है. मानसून के साथ ही यूरिया और डीएपी की बिक्री में तेजी आएगी. इसलिए समिति ने 5 हजार कट्टों की और डिमांड भेजी है. डीएपी के दामों में 150 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. फिलहाल डीएपी का एक कट्टा काश्तकारों को 1200 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, नया स्टॉक उपलब्ध होने के बाद प्रति कट्टा 1350 रुपए में वितरित किया जाएगा. वहीं, यूरिया का प्रति कट्टा 267 रुपए में काश्तकारों को उपलब्ध कराया जा रहा है. फिलहाल यूरिया के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।


Reporter- Dilip Chouhan


अपने जिले की खबर पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें