Guru purnima 2022: जहां गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है, वहीं शिष्यों को प्रभु रूपी ज्ञान का स्मरण कराने और परमात्मा तक पहुंचने का साधन भी गुरु ही हैं. संत ने कहा कि पतंग और पतंगा में बहुत अंतर नहीं होता. पतंगा वासनाओं और विकारों से भरा हुआ स्वतंत्र विचरण करते हुए जलकर मर जाता है.


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पंतग की डोर दूसरे अर्थात सदगुरु के हाथ में रहने से पतंग सदैव आसमान की ऊंचाईयों को छूता है. अत: जीवन में गुरु की परम आवश्यकता होती है. संत ने कहा कि हमको गुरु के पास नहीं, अपितु गुरु के साथ रहना चाहिए.


 अर्जुन ने अपनी डोर श्रीकृष्ण को सौंपकर महाभारत में विजय प्राप्त कर धर्म की पुन: स्थापना की. बाल व्यास रवि कुमार ने कहा कि गुरु की शरण में जाए तो एक अच्छा नियम जरूर लेना चाहिए. इस दौरान बाल कलाकार सुनील ने हमारे आया रे आया आया संत पावणा आया.. भजन सुनाया. साथ ही संत पुनीतराम महाराज ने अणभै वाणी का पाठ किया। गुरु पूर्णिमा के मौके पर पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा ने गुरुवाणी का और संतों का पूजन करके कहा कि सनातन धर्म का मुख्य केंद्र है. उन्होंने कहा कि रामद्वारा ब्यावर से जीवन में नई ऊर्जा, नई शक्ति तथा नई उमंग प्राप्त होती है. इस दौरान उन्होंने सबी संतों का शॉल ओढ़ाकर सममान किया.


गुरु पूर्णिमा के मौके पर राजेन्द्र गर्ग, सुरेंद्र साहू, देवीशंकर भूतड़ा, नरेश मित्तल, सत्येन्द्र यादव, सन्तोष जाग्रत, रवि चौहान, बृजकिशोर शर्मा, जितेन्द्र कावडिया, राकेश नरूका, शिव प्रकाश सामरिया, विपिन गुजराती, राजेश्वरी यादव, तारा सोनी, ललिता जालान, हनुमान बन्ना, विनोद कुमावत, शिवराज पंवार, बाबू सिंह और लक्ष्मण सोनी सहित संख्या में भक्त मौजूद रहे. 


Reorter- Dilip Chouhan


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