जानें ब्यावर के जिला बनाने की कहानी, आखिर विधायक शंकर सिंह रावत क्यों निकले फिर से पदयात्रा पर
Ajmer: अजमेर जिले में जल और जिला बनाने को लेकर एक पदयात्रा चर्चा में रही है,ब्यावर के जिला बनाने की कहानी क्या है. क्योंकि एक बार ब्यावर के जिला बनने के बाद विधायक शंकर सिंह रावत पदयात्रा पर निकल चुके हैं, आखिर इस पदयात्रा की क्यों जरूरत पड़ी. इससे एमएलए क्या संदेश देना चाह रहे हैं?
Ajmer: अजमेर के ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत एक बार फिर पदयात्रा पर निकले हैं. ब्यावर में लंबे समय से जल और जिला बनाने की मांग को लेकर वह संघर्ष करते नजर आए थे. इसे लेकर वह ब्यावर से जयपुर तक पदयात्रा भी कर चुके हैं. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा ब्यावर को जिला बनाए जाने की घोषणा करने और उसकी कार्रवाई शुरू होने के बाद उन्होंने भालिया के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री मांगट जी महाराज की पहाड़ियों तक पदयात्रा शुरू कर दी है.
ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत ने आज अपने प्रथम गांव हिम्मतपुरा से पदयात्रा शुरू की इस दौरान उनके साथ सभापति नरेश कनौजिया जवाजा प्रधान गणपत सिंह रावत पार्षद सरपंच सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे झंडा लेकर वह अपनी यात्रा की शुरुआत करते हुए रवाना हुए इस दौरान उनका बीच में कई स्थानों पर स्वागत भी देखने को मिला.
ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत का कहना है कि वह लंबे समय से ब्यावर को जिला बनाए जाने और ब्यावर में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था को लेकर संघर्ष कर रहे थे.
उनकी यह दोनों मांगे पूर्ण हो गई है ऐसे में वह अपने इष्ट का धन्यवाद करने निकले हैं हिम्मतपुरा से यह यात्रा शुरू हुई 40 किलोमीटर की दूरी विधायक शाम तक पूरी करेंगे और महाराज का आशीर्वाद लेते हुए पूजा अर्चना भी की जाएगी.
ये भी पढ़ें- RPSC Assistant Professor Recruitment 2023: राजस्थान सहायक आचार्य भर्ती का नोटिफिकेशन जारी, आज से आवेदन शुरू