ब्यावर: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर लाखीना गांव में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय विधिक सेवा उच्चत्तम न्यायालय के आदेश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजमेर के सेंशन जज सचिव अपर जिला एवं सेंशन न्यायाधीश संखया एक ब्यावर के निर्देशानुसार पैरा लीगल वॉलिंटियर छोटू काठात ने पूर्व सरपंच धन्ना काठात के सहयाग से कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सहायक पुलिस उपनिरीक्षक चेतनसिंह ने पर्यावरण प्रबंधन के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी.


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काठात ने बताया कि हमारे संविधान निर्माताओं ने मूल कर्तव्य में भी उल्लेख किया है कि प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन और वन्य जीव की रखा करे तथा उनका संवद्र्धन कर प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव रखे. जगतगुरु भारत वतन की संस्कृति में सनातन काल से "वसुदेव कुटुंबकम" का आदर्श महा वाक्य समाया हुआ है. धरती पर समस्त जीवों का आधार एक ही है जिसका नाम ही पर्यावरण है जिसमें प्रदूषण मुक्त हवा, जल पूर्णतया शुद्ध हो.


इस वसुंधरा पर मौजूद प्राणी मात्र मानव, पशु-पक्षी, जीव-जंतु और वनस्पति जगत एक दूसरे पर निर्भर है अत: हमें इस प्राकृतिक पर्यावरण को हर हालत में अनुकूल बनाये रखना है. शुद्ध जल-हवा-भोजन हमें पर्याप्त मिलता रहेगा तो हमारा तन-मन-बुद्धि तीनों पूर्ण स्वस्थ बना रहने से व्यक्ति सकारात्मक, रचनात्मक व भावात्मक कार्य प्रणाली को श्रेष्ठ अंजाम देगा फलत: समाज व राष्ट्र उन्नत होगा. भारतीय महापुरुषों का उन्नत उच्च आदर्श "सादा-जीवन उच्च विचार" का आदेश-उपदेश भी काफी हद तक पर्यावरण निर्मलता में सहायक है.उनका कहना था कि हमारा कर्तव्य है कि इस पर्यावरण को सुरक्षित एवं संरक्षित करने में अपना योगदान दे. इस मौके पर काठात ने बालश्रम, नेशनल ब्यूल्डिंग, नेशन थ्रो एज्यूकेशन पर भी प्रकाश डाला. कार्यक्रम में बीट प्रभारी प्रदीप, सुखाराम सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे.


REPORTER- DILIP CHOUHAN