Beawar: राज्य सरकार की और से आमजन को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन शहरों के संग अभियानों का आगाज किया गया था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अभियान के दौरान स्टेटग्रांट के तहत मामूली दरों पर आमजन को आवासीय भूखंडों के पट्टें जारी कर उन्हें राहत पहुंचाई जानी थी. लेकिन ब्यावर नगर परिषद की और से जारी एक पट्टें के बाद एक भूखंडधारी को राहत मिलने के स्थान पर परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. करीब 60 हजार रुपए की राशि खर्च करने के बाद भी नगर परिषद की और से 106 वर्ग गज के भूखंड के साइट प्लान के आधार पर मात्र 95 वर्ग गज का पट्टा जारी कर दिया. अब पट्टेधारी के सामने उक्त पट्टें को पंजीयन विभाग में पंजीकृत करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 


पट्टाधारी नगर परिषद प्रशासन के चक्कर काट रहा है लेकिन अब तक उसे किसी प्रकार की कोई राहत नहीं मिली है. जानकारी के अनुसार फतेहपुरिया दोयम निवासी पांचू पुत्र रहीमा काठात का योजना भवानी कॉलोनी के खसरा संखया 302 में एक 40 गुणा 24 वर्ग गज का एक भूखंड है. काठात ने उक्त भूखंड के पट्टे के लिए नगर परिषद में नियमानुसार आवेदन किया था. 


यह भी पढ़ें : एकेएच में MRS की 57वीं बैठक संपन्न, चिकित्सालय विकास और उपकरण खरीद के प्रस्ताव पारित


नगर परिषद प्रशासन ने काठात की ओर से प्राप्त आवेदन पर 25 जनवरी को एक पट्टा जारी किया. लेकिन मजेदार बात यह रही कि परिषद प्रशासन की और से जारी किए गए पट्टें में भूखंड का नाप 106.66 के स्थान पर मात्र 95.73 वर्ग गज का जारी कर दिया. पट्टा मिलने के बाद पीड़ित जब उसे पंजीकृत करवाने के लिए पंजीयन विभाग पहुंचा तो वहां पर साइट प्लान और पट्टें में भूखंड के साइज में मिलान नहीं होने के कारण विभाग ने पट्टें को पंजीकृत करने के लिए मना कर दिया. इसके बाद से पट्टाधारी अब नगर परिषद के चक्कर काट रहा लेकिन अब तक उसे कोई राहत नहीं मिल रही है. 


पीड़ित पांचू काठात ने अपनी पीडा व्यक्त करते हुए बताया कि पट्टा बनवाने के लिए उसके 60 हजार रुपए खर्च हो गए बावजूद इसके उसे गलत पट्टा दे दिया है जिसके कारण उसके सामने परेशानियां खडी हो गई हैं.


Reporter: Dilip Chouhan