Ajmer: अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले (International Pushkar Cattle Fair) को पशु हाट मेले के स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है. विदेशी पर्यटक को की आवक में अहम भूमिका निभाने वाला पुष्कर मेला (Pushkar Fair) अब विदेशी पावणो की आवक को तरस रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े स्थानीय लोगों को अब विदेशी पर्यटकों की कमी खलने लगी है. विदेशी पर्यटकों (Foreign tourists) की आवक नहीं होने के चलते इसका सीधा असर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों पर अब साफ देखने को मिल रहा है.


यह भी पढे़ं- पुष्कर का धार्मिक मेला पंचतीर्थ स्नान के साथ शुरू, जानिए इसका खास महत्व


पुष्कर मेले में विदेशी पर्यटक की कमी के चलते इसके रंग अब अधूरे से लगने लगे हैं. पुष्कर मेले में हर वर्ष महीनों पहले होटल और ट्रैवल पैकेज संबंधित बुकिंग 4 महीनों पहले शुरू हो जाती थी. कोरोना महामारी के चलते 2 वर्षों से विदेशी पर्यटकों के भारत आगमन को लेकर सख्त नियम लागू किए हुए हैं, जिसके चलते पुष्कर का पर्यटन व्यवसाय बीते 2 वर्षों से बदतर आर्थिक हालात से जूझ रहा है. इस वर्ष कोरोना महामारी के मामलों में कमी और वैक्सीनेशन की अनिवार्यता के बावजूद भी विदेशी पर्यटकों को टूरिस्ट वीजा उपलब्ध नहीं हो पा रहा, जिसके चलते बिजनेस वीजा पर भारत घूमने आए चंद विदेशी पर्यटक ही पुष्कर के धोरों की सतरंगी संस्कृति से रूबरू हो पा रहे हैं.


क्या कहना है पर्यटकों का
फ्रांस मूल के पर्यटक बताते हैं कि पुष्कर मेले का अविस्मरणीय जादुई अनुभव है. पुष्कर मेले में आकर हम रोमांचित अनुभव कर रहे हैं. टूरिस्ट वीजा नहीं मिल पाने के कारण कई विदेशी पर्यटक पुष्कर मेले में नहीं आ पाए. हमें उम्मीद है कि नवंबर के अंत तक भारत के लिए टूरिस्ट वीजा उपलब्ध हो पाएंगे.


आजीवका का मुख्य साधन है अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला
अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होने के साथ-साथ पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए आजीवका का मुख्य साधन है. दरअसल, पुष्कर की आर्थिक जरूरत की पूर्ति अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले से होती है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी की गई गाइड लाइन और टूरिस्ट वीजा नहीं दिए जाने के कारण पर्यटन व्यवसाय पर गहरा नकारात्मक असर पड़ा है, जिसके चलते न पर्यटकों का सीजन चला, न विश्व प्रसिद्ध होली महोत्सव का आयोजन हुआ.


यह भी पढे़ं- 2 साल बाद आज से शुरू हुआ अंतररष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला, रौनक में नजर आ रही कमी


पर्यटकों की आवक बढ़ाने वाले अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का आयोजन को लेकर सरकार ने इस वर्ष इसे आयोजित करने का निर्णय भी बहुत देर से लिया. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े संघटनों के अनुसार पुष्कर मेले के दौरान कम से कम 4000 विदेशी पर्यटकों की आवक हुआ करती थी, जो अब सैकड़ों में तब्दील हो गई है, जिसके चलते होटल और गेस्ट हाउस खाली पड़े हैं.


क्या कहना है ट्यूरिस्ट गाइड का
पुष्कर के ट्यूरिस्ट गाइड इन्द्रनारायण पाराशर बताते हैं कि इस वर्ष बहुत कम विदेशी पर्यटकों की आवक हुई है, जिससे ट्यूरिस्ट गाईड के सामने आर्थिक संकट मुंह बाहे खड़े हैं. सरकार विदेशी पर्यटकों को टूरिस्ट वीजा उपलब्ध नहीं कर पा रही है. उसके साथ ही अंतराष्ट्रीय उड़ानों पर से पाबंदी को हर 15 दिन में बड़ा दिया जाता है, जिससे कई विदेशी पर्यटकों को अपनी बुकिंग निरस्त करनी पड़ती है. ऐसे में इस पशु हाट मेले से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को कुछ खास लाभ नहीं मिल रहा है.


गौरतलब है कि बीते 2 सालों में पुष्कर का पर्यटन व्यवसाय अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर पर है. विदेशी पर्यटकों की आवक से अपनी आजीविका चलाने वाले व्यवसाय हताश महसूस कर रहे हैं. एक तरफ देश मे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और तीसरी लहर की आहट की आशंका लगाई जा रही है. ऐसे में सरकार विदेशी पर्यटकों के लिए भारत के द्वार खोलने को लेकर असमंजस में है. कुल मिलाकर पुष्कर का पर्यटन व्यवसाय बिना सरकारी मदद के हालात की मार झेलने को मजबूर है.


Reporter - Manveer Singh