Beawar: सम्राट पृथ्वीराज चौहान जयंती के मौके पर सम्राट पृथ्वीराज चौहान जन्मोत्सव समारोह समिति की ओर से आयोजित पखवाड़े के समापन के मौके पर शहर के उदयपुर रोड़ स्थित मां आशापुरा माता धाम विशाल जनसभा का आयोजन किया गया. 


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जनसभा में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्रसिंह रावत ने मुख्य अतिथी के रूप में शिरकत की. कोटा महाराव इज्यराजसिंह ने कार्यक्रम अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की. विशाल सभा के लिए आशापुरा माता धाम परिसर पहुंचने पर तीनों अतिथियों का आयोजन समिति की ओर से तिलक लागकर स्वागत किया गया. इसके बाद तीनों अतिथी मां आशापुरा के दरबार में पहुंचे जहां पर तीनों ने मां के दरबार में धोक लगाकर उनका आशिर्वाद लिया. 


इस दौरान मंदिर पुजारी दामोदर गौड ने माता की चुनरी ओढ़ाकर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना करवाई. इसके बाद तीनों अतिथी जन्मोत्सव समारोह समिति की ओर से तैयार करवाए गए मंच पर पहुंचे जहां पर समिति पदाधिकारियों की ओर से उनका साफा और माला पहनाकर और श्रीफल भेंट कर स्वागत किया. विशाल जनसभा के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए समिति संयोजक इंदरसिंह बागावास ने समिति की ओर से मनाए गए 15 दिवसीय पखवाडा कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में ब्यावर शहर सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों परिवार जुडे है. बागावास ने बताया कि अब धीरे-धीरे समाज में जागरूकता आ रही है.


विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष कोटा महाराव इज्यराजसिंह ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सम्राट चौहान का देश के इतिहास में एक विशेष स्थान है. उनकी विशेषताओं में शामिल शब्दभेदी बाण का जिक्र करते हुए कहा कि देश के अंतिम हिंदू सम्राट के रूप में वे इतिहास के पन्नों में सदैव अमर रहेंगे. 


चौहान के वंशजों की स्थली मगरा मेरवाडा की धरती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पर अपना सौभाग्य बताते हुए उपस्थित सभी से सम्राट चौहान के पदचिन्हों पर चलने का आव्हान किया. सिंह ने किसी भी महापुरूष की जयंती मनाने के पीछे के उदेश्य को बताते हुए कहा कि महापुरूषों की जन्म जयंती मनाना तभी सार्थक होगा जब हम उनके जीवन आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात कर सके.


विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि ब्यावर क्षेत्र में विगत लंबे समय से एतिहासिक कारणों से समाज से बिछडे लोगों को पुन: घर वापसी के प्रयास किए जा रहे है. प्रयासों के सार्थक परिणाम भी सामने आए है और सैंकड़ों परिवार पुन: अपनों के बीच लौटे है. उन्होंने कहा कि पुन: अपनों के बीच आए परिवारों के साथ समानता का व्यवहार करते हुए उन्हें अपत्व का अहसास करवाए जिससे वे अपने साथ घुलमिल सके. पराडें ने वर्तमान स्थितियों का जिक्र करते हुए उपस्थित सभी का आव्हान किया कि हम सब का दायित्व है कि किसी भी कारणों से अपनों से बिछडे परिवारों को अपनों के बीच लाने का सार्थक कार्य करें. उन्होंने उक्त कार्य के लिए स्थानीय स्तर पर काम करने वाले कार्यकत्र्ताओं का आभार जताया.


जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्रसिंह रावत ने मगरा क्षेत्र के रावत समाज के गौरव का बखान करते हुए कहा कि रावत का मतलब राजपूताना, वीर और तलवार है. यह एक टाईटल है उन्होंने अपनी गौरवशाली थाती को समझने और उस पर गौरव करने का आव्हान किया. उन्होंने अपने भाई-बंधु जो किसी कारण भटक गए है उन्हें पुन: अपने परिवार में लाने का प्रयास करने का आव्हान किया. 


सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने बच्चों को ऐसे संस्कार दे कि हर बच्चा मैं भी पृथ्वीराज चौहान के नाम को आत्मसात करे. रावत ने कार्यक्रम में बुलाने के लिए समारोह समिति का धन्यवाद ज्ञापित किया. जनसभा के दौरान विहिप के केन्द्रीय मंत्री उमाशंकर शर्मा, लक्ष्मी नारायण शर्मा, नितेश गोयल, सह संयोजक सतवीर सिंह लगेतखेडा, फौजी सुरेश सिंह श्यामगढ, सुरेश वैष्णव, सूरज प्रताप सिंह चौहान, विक्रांतसिंह रावत और पृथ्वीसिंह भोजपुरा आदि और बडी संख्या में मातृशक्ति, युवा और बुजुर्ग आदि उपस्थित थे.


Reporter: Dilip Chouhan


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