Beawar: देशभर में आजादी की 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. इस के तहत भारतीय साहित्य कला संस्थान ब्यावर की ओर से मंगलवार को उदयपुर रोड स्थित मां आशापुरा मंदिर परिसर सभागार में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष नारायणसिंह पंवार ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती की मूर्ति पर माला चढाकर और दीप प्रज्जवलित कर किया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ें- ब्यावर: श्रावण मास में भोलेनाथ की पूजा का दौर जारी, गन्ने के रस से किया अभिषेक


काव्य गोष्ठी के दौरान उपस्थित कवियों द्वारा देश भक्ति से ओत प्रोत कविताओं की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं में की तालियां बटोरी साथ ही अपनी कविता के माध्यम से देश भक्ति का संचार किया. इस मौके पर संस्थान की ओर से अतिथियों को काव्य पुस्तक भी भेंट की गई. गोष्ठी के शुभारंभ में भीकमचंद भयंकर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की. 


इसके बाद सुभाष व्यास ने सौंगध है, सीमा पर लिख देंगे अपने खून से कहानी गणपत सिंह मुग्धेश ने बढ़ाते-बढ़ाते कदम दुश्मन को करते खत्म. रमेश बघेरवाल ने संभल के रहना अपने देश में विष दंतों से चंद्रभान कंपोटर ने अब अपने ही बच्चों को नई सीख लेनी है और छोटू काठात ने बोपार करबां भारत आया गौरा, भर ले गया बोरा के रूप में काव्य पाठ कर उपस्थित सभी को खूब दाद लूटी. इसी क्रम में ओमदत्त जोशी ने जय भारत री भोम, कविता प्रस्तुत कर भारत माता की झांकी प्रस्तुत की.


साथ ही काव्य गोष्ठी में संपतराज अंश, अमिल चौहान, सागर जैसवानी ने भी अपनी रचनाएं पढ़ी. इसी प्रकार कार्यक्रम अध्यक्ष नारायण सिंह पंवार ने शहीदों के अविस्मरणीय प्रसंग सुनाकर गीत प्रस्तुत किया. अब्दुल जब्बार खिलजी ने ब्यावर के साहित्यकारों के योगदान पर प्रकाश डाला. काव्य गोष्ठी में लादूराम सिरवी, मिठूनलाल सोवणिया, नरेन्द्रपाल पदावत, तेजसिंह रावत, भंवरलाल पलासिया सहित अन्य उपस्थित थे.


Reporter: Dilip Chouhan