Ajmer: जलाशयों में बढ़ते प्रदूषण को रोक रहा पुनीत सागर अभियान, यूएन में हुई तारीफ
जलाशयों में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनसीसी कि ओर से इन दिनों पूरे देश में पुनीत सागर अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत अजमेर के आनासागर झील नई चौपाटी इलाके में आज एनसीसी कैडेट्स ने नुक्कड़ नाटक के जरिए, लोगों को जलाशयों को प्रदूषण मुक्त रखने की जानकारी दी.
Ajmer: जलाशयों में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनसीसी कि ओर से इन दिनों पूरे देश में पुनीत सागर अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत जलाशयों में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए जन जागरूकता को हथियार किस तरह बनाया जाए इस पर चर्चा की जा रही है. इसी अभियान के तहत अजमेर के आनासागर झील नई चौपाटी इलाके में आज एनसीसी कैडेट्स ने नुक्कड़ नाटक के जरिए, लोगों को जलाशयों को प्रदूषण मुक्त रखने और जलाशयों में बढ़ते प्रदूषण के दुष्प्रभाव के संबंध में जानकारी दी.
एनसीसी उदयपुर के ग्रुप कमांडर कर्नल भास्कर ने बताया कि जिस तरह एनसीसी का पुनीत सागर अभियान पूरे देश में चल रहा है और इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं, इसकी यूनाइटेड नेशंस ने भी तारीफ की है. उन्होंने बताया कि अभियान केवल कागजी नहीं है, जमीनी स्तर पर एनसीसी के कैडेट लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हैं. साथ ही जलाशयों की स्वच्छता को लेकर भी जन सामान्य को व महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाती है, जिनके माध्यम से आने वाले समय में लोग जलाशयों की स्वच्छता को लेकर जागरूक रहें. एनसीसी कैडेट्स द्वारा इस दौरान कुछ इलाकों की भी साफ-सफाई की गई, जिसमें स्थानीय लोगों का भी सहयोग लिया गया.
क्या है पुनीत सागर अभियान
राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे से निपटने और 'पुनीत सागर अभियान' और 'टाइड टर्नर्स प्लास्टिक चैलेंज प्रोग्राम' के माध्यम से स्वच्छ जल निकायों का सार्वभौमिक लक्ष्य हासिल करने के लिए 22 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए. पुनीत सागर अभियान को सबसे अच्छी पहलों में से एक बताते हुए रक्षा सचिव ने अपने संबोधन में अभियान को सफल बनाने में एनसीसी के प्रयासों की सराहना की. पुनीत सागर अभियान के शुरू होने के बाद से 12 लाख से अधिक एनसीसी कैडेटों, पूर्व छात्रों और स्वयंसेवकों द्वारा लगभग 1,900 स्थानों से 100 टन से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया है, जिससे 1.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. एकत्र किए गए लगभग 100 टन प्लास्टिक कचरे में से 60 टन से अधिक कचरे को पुनर्चक्रण के लिए दें दिया गया है.
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