ब्यावर: शहर के अजमेरी गेट स्थित रामस्नेही संप्रदाय के रामद्वारा में शनिवार को गीता जयंती महोत्सव मनाया गया. इस दौरान रामद्वारा के संतों ने श्रीमद् भागवत ग्रंथ के संदर्भ में प्रवचन दिए. दैनिक प्रवचन श्रृंखला के दौरान आयोजित गीता जयंती महोत्सव के दौरान दिल्ली के संत उत्तमराम महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत गीता भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से निर्मित हुई है. इसलिए अत्यधिक प्रमाणित है.


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संत ने बताया कि भगवान ने गीता में कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, दुष्टों की दृष्टि का विस्तार होता है और अधर्म की वृद्धि होती है तब तब अवतार लेता हूं. या प्रतिनिधि के रूप में किसी महापुरुष को भेजता हूं जो की विश्व के अंदर शांति तथा धर्म का साम्राज्य स्थापित हो सके. इस दौरान रामारा ट्रस्ट के अध्यक्ष संत केवलराम महाराज ने भजन के माध्यम से श्रीमद् भागवत गीता की महिमा को प्रतिपादित किया.


उन्होंने कहा कि गीता सभी शास्त्रों का सार है और गीता के माध्यम से जो भी व्यक्ति चलता है उसे जीवन के अंदर बहुत बड़ा आत्मबल प्राप्त होता है. संत गोपालराम महाराज ने जाने क्या जादू भरा हुआ भगवान आपकी गीता में. भजन सुनाया. महाराज ने कहा कि गीता, गंगा एवं गायत्री का हमारे जीवन के अंदर बहुत महत्व है. गीता जीने की कला सिखाती है. गंगा हमारे कलुषित पापों का निवारण करती है और गायत्री हमें शास्त्रों की उपासना करने की कला सिखाती है.


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गीता का सत्संग कृष्ण की कृपा से मिलती


श्रीमद् भागवत गीता का सत्संग व संत भगवान की कृपा से मिलते हैं. संत पुनीत राम महाराज ने श्रीमद भागवत गीता का पाठ किया. जयंती महोत्सव के तहत रामद्वारा में उपस्थित भक्तजनों ने श्रीमद् भागवत गीता की पोथी को तिलक लगाकर पूजन किया और मंच पर विराजमान सभी संतों को तिलक लगाकर व माला पहनाकर स्वागत किया. जयंती महोत्सव के दौरान भगवान साहू, उमेश शर्मा, धर्मीचंद शर्मा, रमेश चौहान, राजेन्द्र गर्ग, मोहन सिंधी, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, सत्यदेव इंदौरा, ताराचंद वैष्णव,दुर्गा साहू ,कांता सांखला, पुष्पा डाणी, सोरठा कवर तथा छोटी बाई साहू सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे.


Reporter- Dilip Chouhan